आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय (Central University Jammu) ने बुधवार को वायुमंडलीय डेटा संग्रह के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण रेडियो-सोंडे (Radio-Sonde) को जम्मू -कश्मीर के सांबा जिले के इसरो केंद्र से सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह प्रक्षेपण राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी), इसरो (ISRO) और सीयूजे के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) का एक हिस्सा था। जिसका उद्देश्य वायुमंडलीय स्थितियों और जलवायु परिवर्तन की समझ को बढ़ाना है।
प्रक्षेपण से वैज्ञानिक हाइड्रोजन से भरे गुब्बारों का उपयोग करते हुए पृथ्वी की सतह से 12 किलोमीटर ऊपर से वायुमंडलीय दबाव, तापमान, हवा की दिशा और गति रिकॉर्ड कर सकते हैं और डेटा को रेडियो संकेतों के माध्यम से जमीन पर प्रेषित किया जाता है।
यह अंतरिक्ष विज्ञान में नवाचार का उदाहरण है- कुलपति
केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू के कुलपति प्रोफेसर संजीव जैन ने कहा कि रेडियो-सोंडे का आज का सफल प्रक्षेपण अंतरिक्ष विज्ञान में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता का उदाहरण है।
यह रेडियो-सोंडे प्रणाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ विजन के तहत इसरो द्वारा पूरी तरह से स्वदेशी रूप से विकसित की गई है। प्रो. जैन ने कहा कि यह पहल न केवल हमारी शोध क्षमताओं को मजबूत करेगी बल्कि हमारे संस्थान को वायुमंडलीय अध्ययनों में सबसे आगे रखेगी।
केंद्र के संयोजक प्रोफेसर विनय कुमार ने कहा कि केंद्र ने दोपहर में वेदर बलून लॉन्च किया। उन्होंने कहा कि यह डेटा का एक अनूठा सेट प्रदान करेगा क्योंकि इस समय तक संवहन परत पूरी तरह से विकसित हो चुकी होगी।