जम्मू में हुई भारी बारिश के बाद स्कूलों को काफी नुकसान पहुंचा जिसके बाद अब सरकारी स्कूलों को निजी भवनों में चलना सरकार के लिए चुनौती बन गया है,
सरकारी स्कूलों को निजी भवनों में चलाने के लिए सरकार को प्रति माह डेड़ करोड़ रुपए का खर्च आएगा,
अब निजी भवनों में कक्षाएं लगाने की तैयारी चल रही है जिसको लेकर जोनल शिक्षा अधिकारी व स्कूल के प्रधानाचार्य कम कर रहे हैं,
वही आज से जम्मू संभाग में 25% स्कूल खुल चुके हैं मगर निजी भवन में स्कूल चलाने को लेकर शिक्षा विभाग के सामने तीन चुनौती आ रही हैं,
पहली चुनौती यह है कि स्कूलों में सारा फर्नीचर और अन्य सामान दूसरे भवनों में शिफ्ट करना होगा, ऐसे में कम जगह में एक साथ पहली से लेकर आठवीं और नवमी से लेकर 12वीं कक्षा लेने में परेशानी होगी जिससे बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होगी,
वहीं दूसरी चुनौती यह है कि स्कूलों को चलाने के लिए किराए के भवन पर्याप्त नहीं है जहां पर शौचालय से लेकर अन्य सुविधाओं की दरकार है,
तीसरी चुनौती है कि किराए के भवनों में खेलकूद और प्रार्थना सभा बंद हो जाएगी क्योंकि भवनों में पर्याप्त जगह नहीं हैऔर यहां पर बच्चे बैठकर सिर्फ स्कूलों की पढ़ाई ही कर पाएंगे !