नई दिल्ली: आज, दिल्ली में आयोजित हुआ जी-20 सम्मेलन ने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया – समृद्धि और समाज के विकास के लिए साझा समझ बहुत महत्वपूर्ण है।
पीएम मोदी ने बताया कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य विश्व के सभी देशों को एक साथ आकर्षित करना है, ताकि वे साथ मिलकर ग्लोबल चुनौतियों का समाधान ढूंढ सकें।
पीएम मोदी ने इस मौके पर बताया कि भारत ने इस सम्मेलन को अपने विचारों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बनाया है, जिसमें दुनिया के 125 देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं। इससे साबित हो रहा है कि भारत सभी देशों के साथ साझा सोच की बदली हुई भावना के साथ आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने उज्बेकिस्तान के आदरणीय सुमा इन्यातोवा को अपने उद्घाटन भाषण में जी-20 सम्मेलन में वाग्दान किया और उन्हें भारत के अफ्रीकी यूनियन के सदस्य बनाने के प्रस्ताव की घोषणा की। यह इस सम्मेलन में एक महत्वपूर्ण घटना है, जो विश्व के देशों को एक साथ आने के लिए प्रोत्साहित करेगा और उन्हें विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने का संदेश देगा।
पीएम मोदी ने सम्मेलन में यह भी कहा कि दुनिया को एक ताकतवर और एकजुट देश की आवश्यकता है, जो केवल कोरोना जैसे महासंकट को परास्त कर सकता है, बल्कि यूक्रेन युद्ध जैसे विवादों को भी सुलझा सकता है। इसके साथ ही, वे आफ्रिका को इस समूह का सदस्य बनाने के माध्यम से दुनिया को एक और महत्वपूर्ण संदेश देते हैं – विकास में सभी देशों को शामिल करना महत्वपूर्ण है।
इससे स्पष्ट होता है कि भारत ने विश्व की गहरी आवश्यकताओं के साथ-साथ विकास के लिए साझा समझ के महत्व को समझा है, और यह एक नए युग की शुरुआत का संकेत है। G20 सम्मेलन में अफ्रिकी यूनियन की सदस्यता को मंजूरी देने से, भारत ने विश्व शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है।
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