ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को कहा है कि ज्ञानवापी पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की सर्वेक्षण रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद उसका क्या असर होगा, यह ज्ञात नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई की यह रिपोर्ट ‘हजारों बाबरी मस्जिदों’ के द्वार नहीं खोलेगी।
यह रिपोर्ट ज्ञानवापी परिसर में वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने के लिए तैयार की जा रही है, जिसमें यह तय करने की कोशिश की जा रही है कि 17वीं शताब्दी में बनी बाबरी मस्जिद का निर्माण एक हिंदू मंदिर के ढांचे के ऊपर तो नहीं किया गया था।
भारतीय उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक आदेश को रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें एएसआई को ज्ञानवापी परिसर में एक वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने की अनुमति दी गई थी। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एएसआई को सर्वेक्षण के दौरान परिसर में किसी भी तरह की तोड़फोड़ की कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है। पीठ ने एएसआई और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर ध्यान दिया। मेहता की दावा था कि सर्वेक्षण के दौरान परिसर में खुदाई नहीं की जाएगी और संरचना को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।
असदुद्दीन ओवैसी ने उम्मीद जताई है कि इससे हजारों ‘बाबरी मस्जिदों’ के द्वार नहीं खोले जाएंगे और उन्होंने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा के फैसले में सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी का अनादर नहीं किया जाना चाहिए। ये भी पढ़ें उत्तर प्रदेश: अदालत ने भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया को बर्बरता मामले में 2 साल कैद की सजा सुनाई