टाइप-2 डायबिटीज, पीसीओएस, पीसीओडी, हाई ब्लड प्रेशर, ऑस्टियोपोरोसिस, मोटापा और अवसाद ये सारी हमारी खराब लाइफस्टाइल और खानपान से उपजने वाली बीमारियां हैं। जो सेहत को कई तरीकों से प्रभावित कर सकती हैं। समय रहते इन्हें ठीक करने पर ध्यान न दिया जाए, तो ये समस्याएं और गंभीर रूप ले सकती हैं। वैसे आपको बता दें कि इनमें से आधे से ज्यादा बीमारियों को आप खानपान और लाइफस्टाइल पर ध्यान देकर आसानी से ठीक कर सकते हैं। कुछ एक बीमारियों के उपचार में आयुर्वेदिक नुस्खे भी बेहद असरदार साबित होते हैं। आज हम ऐसे ही एक नुस्खे के बारे में जानने वाले हैं, जो डायबिटीज, प्री-डायबिटीज, पीसीओएस और इंसुलिन रेजिटेंस की प्रॉब्लम को ठीक करने में बेहद असरदार है। डॉ. दीक्षा भवसार सावलिया, जो एक आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं। अपने इंस्टाग्राम पर अकसर ही सेहतमंद बने रहने के टिप्स शेयर करती हैं। हाल ही में उन्होंने डायबिटीज, प्री-डायबिटीज और पीसीओएस से निपटने का एक आयुर्वेदिक तरीका बताया है। साथ ही इसके अन्य फायदे भी। आइए जानते हैं इसके बारे में…
निशा-आमलकी चूर्ण या हल्दी और आंवले का चूर्ण
इसे बनाने के लिए आपको चाहिए- 100 ग्राम हल्दी का पाउडर, 100 ग्राम आंवले का पाउडर
विधि
आंवला और हल्दी पाउडर को बराबर-बराबर मात्रा में लेकर मिला लें और किसी एयर टाइट डिब्बे में भरकर रख लें।
कैसे करें इसका सेवन?
इस चूर्ण की 3 ग्राम के बराबर मात्रा को सुबह नाश्ते या फिर डिनर से पहले गर्म पानी से लेना है। 21 दिनों तक नियमित रूप से इस्तेमाल करें। फर्क आपको नजर आने लगेगा।
किन-किन समस्याओं में फायदेमंद है ये चूर्ण?
- ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखता है।
- खून को साफ करता है।
- इम्युनिटी बढ़ाता है।
- एनर्जी लेवल को भी बढ़ाता है।
आंवला अपनी हाइपोग्लाइसेमिक पॉपर्टीज के लिए जाना जाता है। जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करके रखता है। वहीं इसमें मौजूद विटामिन सी, फाइबर, कैल्शियम, आयरन और एंटीऑक्सीडेंटस इम्युनिटी बढ़ाने से लेकर बढ़ती उम्र में लक्षणों को भी कम करने में असरदार हैं।
वहीं हल्दी ब्लड शुगर लेवल कम करने के साथ वजन कंट्रोल करके रखती है। इसके अलावा सूजन दूर करने के साथ ये हार्ट को भी हेल्दी रखती है।