डायरेक्टर मोहम्मद अबू सेलमिया ने सुनाई इजरायली सेना की बर्बरता की कहानी

इजराइल ने गाजा के अल-शिफा अस्पताल के निदेशक मोहम्मद अबू सेलमिया को रिहा कर दिया है। निदेशक की यह रिहाई सोमवार को हुई है। सात महीने पहले इजरायल की सेना ने खान यूनिस पर छापा मारा था। इजरायली सेना का आरोप है कि इसका इस्तेमाल हमास के कमांड सेंटर के रूप में किया जा रहा था।

डायरेक्टर मोहम्मद अबू सेलमिया को नवंबर में इजराइल ने तब हिरासत में लिया था जब इजराइल ने अल-शिफा अस्पताल पर छापा मारा था। इजराइली सेना ने अस्पताल पर छापा मारने की वजह बताते हुए कहा था कि उस का अनुमान था कि हमास अस्पताल का इस्तेमाल कर रहा है और हमास अस्पताल में सुरंग बना रहा। हालांकि, इन आरोपों से अबू सेलमिया और अस्पताल के अन्य कर्मचारियों ने इनकार किया।

‘कैदियों को पीटा जाता था’

अबू सेल्मिया ने कहा कि उन्हें और अन्य कैदियों को यातना दी गई और कठोर परिस्थितियों में रखा गया। अबू सेल्मिया ने इजरायली सेना पर ऐसे आरोप लगाए हैं जिनकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी, लेकिन गाजा में वापस छोड़े गए फलस्तीनी बंदियों के अन्य बयानों से मेल खाते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे बंदियों को सलाखों के पीछे हर तरह की यातना दी गई है। लगभग हर रोज हमें यातना दी जाती थी। कोठरियों को तोड़ दिया जाता है और कैदियों को पीटा जाता था।

‘कुछ  बंधकों के काटे गए अंग’

उन्होंने कहा कि गार्डों ने उनकी उंगली तोड़ दी और पिटाई के दौरान उनके सिर से खून बहने लगा था जिसमें उन्होंने डंडों और कुत्तों का इस्तेमाल किया। उन्होंने आगे  कहा कि उन्हें जिन अलग-अलग सुविधाओं में रखा गया था, वहां के मेडिकल स्टाफ ने भी सभी कानूनों का उल्लंघन करते हुए बंधको के साथ दुर्व्यवहार किया। उन्होंने कहा कि खराब चिकित्सा देखभाल के कारण कुछ बंदियों के अंग काटे गए थे। इस बीच, इजरायल सरकार के दो दक्षिणपंथी मंत्रियों ने अबू सेल्मिया की रिहाई की निंदा करते हुए कहा कि यह उनकी सहमति के बिना किया गया है।