भारत में युवाओं में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसकी वजह से हर साल कितने ही लोगों की जान जाती है। इसलिए कैंसर का वक्त पर इलाज करना बेहद जरूरी है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाने में मदद की जा सके। वैसे तो कैंसर के कई प्रकार हैं, लेकिन इसका एक बेहद खतरनाक टाइप है बोन कैंसर। बोन कैंसर एक दुर्लभ किस्म का कैंसर है, जिसकी शुरुआत हड्डियों से होती है।
इस कैंसर के लक्षणों को अक्सर लोग किसी और परेशानी का कारण समझ लेते हैं और इसे अनदेखा कर देते हैं। इसकी वजह से यह कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है, जो जानलेवा साबित हो सकता है। इसलिए हर साल जुलाई का महीना Bone Cancer Awareness Month की तरह मनाया जाता है, ताकि बोन कैंसर के कारण, लक्षण और इसके रिस्क फैक्टर्स के बारे में लोगों को जानकारी हो। इस बारे में जानने के लिए हमने डॉ. रमण नारंग (एंड्रोमेडा कैंसर अस्पताल के मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के वरिष्ठ कंसल्टेंट) से बात की। आइए जानें इस बारे में उन्होंने क्या बताया।
डॉ. नारंग ने बताया कि बोन कैंसर एक बेहद दुर्लभ किस्म का कैंसर है, जिसकी शुरुआत हड्डियों में होती है। यह शरीर की किसी भी हड्डी को प्रभावित कर सकता है, लेकिन ज्यादातर हाथ और पैरों की लंबी हड्डियों में होता है। इसके लक्षण, कारण और रिस्क फैक्टर की मदद से इसका जल्दी पता लगाया जा सकता है और इसके बेहतर इलाज में भी काफी मदद मिलती है।
क्या है बोन कैंसर के कारण?
बोन कैंसर की असल वजह का पता अभी तक नहीं लगा जा सका है। हालांकि, कुछ कारकों के कारण इसका जोखिम जरूर बढ़ जाता है। इनमें जेनेटिक बदलाव शामिल हैं, जिसकी वजह से सेल्स का आसामान्य बढ़ोत्तरी होने लगती है। इसके अलावा, पहले कभी हुई रेडिएशन थेरेपी, Li-Fraumeni syndrome और रेटिनोब्लास्टोमा भी इसके खतरे को काफी बढ़ा देते हैं।
हालांकि, इसके कुछ सामान्य लक्षणों की मदद से इसकी पहचान की जा सकती है। बोन कैंसर के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि वह शरीर की किस हड्डी में हुआ है। साथ ही, ट्यूमर के आकार पर भी इसके लक्षण निर्भर करते हैं। लगातार हड्डी में दर्द, सूजन, प्रभावित हिस्से को हिलाने में तकलीफ और अकारण वजन कम होना
इसके आम लक्षण हैं। कुछ मामलों में जिस हड्डी में कैंसर शुरू हुआ है, उसके पास गांठ बन जाती है।
बोन कैंसर के रिस्क फैक्टर्स क्या हैं?
- उम्र- बोन कैंसर के ज्यादातर मामले बच्चों और कम उम्र के युवाओं में पाए जाते हैं। हालांकि, यह अन्य किसी उम्र में भी हो सकता है, लेकिन इस उम्र के लोगों में इसका जोखिम अधिक रहता है।
- लिंग- बोन कैंसर के कुछ प्रकार, जैसे- ओस्टियोसार्कोमा का जोखिम पुरुषों में ज्यादा होता है।
- जेनेटिक्स- कुछ जेनेटिक सिंड्रोम, जैसे- हेरेडिटरी रेटिनोब्लास्टोमा और ली-फ्रॉमेनी सिंड्रोम इसका जोखिम बढ़ाते हैं।
- रेडिएशन थेरेपी- किसी अन्य कैंसर के इलाज के लिए की गई रेडिएशन थेरेपी की वजह से भी आगे चलकर बोन कैंसर हो सकता है।