चेन्नई, मदुरै और तिरुचिरापल्ली में छापेमारी के चार दिन बाद प्रवर्तन निदेशालय ने आधिकारिक बयान जारी किया। बयान में एजेंसी ने कहा कि नशीले पदार्थ की तस्करी से कथित तौर पर अर्जित किए गए 40 करोड़ से अधिक रुपये बर्खास्त किए गए डीएमके पदाधिकारी जाफर सादिक और उनसे जुड़ी संस्थाओं- फिल्म निर्माण, होटल और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में लगाई गई है। गौरतलब है कि पिछले महीने एनसीबी को सदिक ने गिरफ्तार किया था। उनपर 3,500 किलो स्यूडोएफेड्रिन की तस्करी में कथित रूप से शामिल होने का आरोप है,
द्रमुक को फरवरी में सादिक ने किया बर्खास्त
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ड्रग्स नेटवर्क से कथित संबंधों और एनसीबी द्वारा तस्करी के कथित आरोप लगाए जाने के बाद डीएमके ने फरवरी में सादिक को बर्खास्त कर दिया था। ईडी ने सादिक और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करने के लिए एनसीबी मामले और अन्य एफआईआर का संज्ञान लिया था।
ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड में तस्करी का कथित आरोप
ईडी ने दावा किया है कि तस्करी के सिंडिकेट के मास्टरमाइंड सादिक पर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में स्वास्थ्य मिश्रण पाउडर और सूखे नारियल के रूप में छद्मएफेड्रिन की तस्करी करने का कथित आरोप है। नशीली दवाओं की बिक्री से प्राप्त आय को सादिक ने अपने और अपने सहयोगियों के रियल एस्टेट, फिल्म निर्माण और लॉजिस्टिक्स सहित अलग-अलग उद्यमों में अवैध गतिविधियों के लिए इस्तेमाल कियाजिसकी कीमत करीब 2,000 करोड़ रुपये है।
पूर्व डीएमके नेता के परिसर में छापेमारी
चेन्नई, मदुरै और तिरुचिरापल्ली के 25 परिसरों में ईडी ने नौ अप्रैल को छापेमारी की थी। एजेंसी ने धन शोधन अधिनियम (पीएमएलए) प्रावधानों के तहत केंद्रीय अर्धसैनिक बल के साथ मिलकर छापेमारी की थी। पूर्व डीएमके नेता सादिक तमिल फिल्म निर्माता भी हैं। छापेमारी के दौरान सादिक के अलावा तमिल फिल्मों के निर्देशक आमीर और अन्य लोगों के परिसरों में तलाशी ली गई है। एनसीबी ने बताया था कि सादिक के तमिल और हिंदी फिल्म फाइनेंसरों के साथ लिंक, कुछ हाई प्रोफाइल लोग और राजनीतिक फंडिंग उनके जांच के दायरे में थे।