आईपीएल 2025 यानी 18वें सीजन का आगाज आज होगा। पहले मैच में गत चैंपियन कोलकाता नाइट राइडर्स के सामने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की चुनौती होगी। हालांकि, काफी लंबे समय बाद एक ऐसा सीजन देखने को मिलेगा, जिसमें लगभग सभी कप्तान नए यानी 30 की उम्र के आसपास के होंगे और अगले कुछ सीजन तक कप्तानी करते दिखेंगे। साथ ही कुछ नए नियम भी आईपीएल के रोमांच में चार चांद लगाएंगे।
नियम-1: गेंद पर लार लगाने से बैन हटना
नए नियमों में सबसे महत्वपूर्ण गेंद पर लार लगाने की अनुमति फिर से देना है। कोविड-19 महामारी के कारण गेंद पर लार लगाना प्रतिबंधित कर दिया गया था और उसके बाद यह पहला अवसर होगा जबकि गेंदबाजों को इसकी अनुमति दी जाएगी। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने आईपीएल के अधिकतर कप्तानों से इस मामले में सहमति मिलने के बाद गुरुवार को लार पर लगा प्रतिबंध हटाने का फैसला किया। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने 2022 में गेंद पर लार लगाने पर स्थाई रूप से प्रतिबंध लगा दिया था लेकिन आईपीएल अपने नियमों से संचालित किया जाता है और उसका यह फैसला विश्व क्रिकेट के अन्य देशों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है। इससे गेंद को रिवर्स स्विंग कराने में मदद मिलेगी और बल्लेबाजी और गेंदबाजी में बेहतर तालमेल बन सकेगा। इससे खेल संतुलित हो जाएगा।
नियम-2: दूसरी पारी में ‘सशर्त’ दूसरी नई गेंद
अन्य नियमों में शाम को खेले जाने वाले मैचों में अगर अंपायरों को लगता है कि ओस खेल पर अपना प्रभाव डाल रही है तो वह दूसरी पारी के 11वें ओवर से नई गेंद का इस्तेमाल करने की अनुमति दे सकते हैं। शाम को होने वाले मैचों पर यह नियम लागू होगा। दोपहर में होने वाले मैचों पर यह नियम लागू नहीं होगा। इससे हाईस्कोरिंग मैचों को बनाए रखने में मदद मिलेगी। ताकी दोनों पारी में खेल संतुलित रहे और चेज करने वाली टीम को ओस की मदद न मिले। अक्सर शाम के मैचों में ओस का प्रभाव देखते हुए टॉस जीतने पर टीमें पहले गेंदबाजी का फैसला करती दिखती हैं। इससे अब खेल बैलेंस्ड होगा।
नियम-3: वाइड गेंदों के लिए डीआरएस
इसके अलावा टीम ऊंचाई और ऑफसाइड की वाइड के लिए भी निर्णय समीक्षा प्रणाली का उपयोग कर सकते हैं। इससे गेंद को लेकर एक निष्पक्ष निर्णय सुनिश्चित किया जा सकेगा। हालांकि, लेग-साइड वाइड को ऑन-फील्ड अंपायर द्वारा कॉल लिया जाना जारी रहेगा। हालांकि, इंपैक्ट प्लेयर का नियम पहले की तरह बरकरार रहेगा। इस नियम को पिछले साल काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था, जिसमें कई लोगों ने सुझाव दिया था कि इससे ऑलराउंडरों को नुकसान होता है और उन्हें आगे बढ़ने से रोकता है। बीसीसीआई ने हालांकि इस साल भी इस नियम को जारी रखा है। इसके अलावा अब कप्तानों पर स्लो ओवर रेट के लिए बैन भी नहीं लगेगा। उन्हें अब डिमेरिट अंक मिलेंगे और उन पर जुर्माना लगाया जाएगा।