दुश्मनों की अब खैर नहीं, सेना के एयर डिफेंस को अचूक बनाने के लिए ‘आकाशतीर’ तैनात

भारतीय सेना ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम को और मजबूती देने की दिशा में अहम कदम बढ़ाते हुए अपने कमांड और कंट्रोल सिस्टम में अत्याधुनिक हाईटेक प्रणाली को शामिल करना शुरू कर दिया है। सेना ने एयर डिफेंस सुरक्षा को नई चुनौतियों के हिसाब से मजबूती देने के लिए गुरूवार को ‘आकाशतीर कमांड और कंट्रोल सिस्टम’ को भारतीय सेना के एयर डिफेंस कोर में शामिल करने के साथ इसकी शुरूआत की गई।

भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (BEL) के गाजियाबाद प्रतिष्ठान से आकाशतीर के पहले बैच को एयर डिफेंस नियंत्रण केंद्रों के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। आत्मनिर्भर भारत पहल के हिस्से के रूप में बीईएल द्वारा विकसित आकाशतीर परियोजना सेना के एयर डिफेंस प्रणाली की संचालन दक्षता और एकीकरण को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा।

सैन्य सूत्रों के अनुसार, सेना के एयर डिफेंस के लिए आकाशतीर परियोजना एक ऐसी अत्याधुनिक पहल है जिसमें पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बनाकर वायु रक्षा नियंत्रण और रिपोर्टिंग प्रक्रियाओं को आटोमेटिक संचालन के लिए डिजाइन किया गया है। आधुनिकीकरण के नए दौर से कदम ताल करने के लिए सेना ने वर्ष 2024 को ‘तकनीकी समावेशन का वर्ष’ घोषित किया है और वह विशिष्ट प्रौद्योगिकी व प्रणालियों को शामिल करने को गति दे रही है

आकाशतीर की विशेषता

  • आकाशतीर नियंत्रण केंद्रों को शामिल करना भारतीय सेना द्वारा नए दौर के लिए किए जा रहे बदलावों की दिशा में प्रमुख मील के पत्थरों में से एक है। यह सिस्टम सेना के जटिल वायु रक्षा अभियानों की वर्तमान ही नहीं भविष्य की जरूरतों को भी पूरा करेगा।
  • आकाशतीर की विशेषता यह है कि सभी स्तरों पर रडार और संचार प्रणालियों को एक एकीकृत नेटवर्क में एक करके लक्ष्य की अभूतपूर्व स्तर की पहचान कर सजग नियंत्रण प्रदान करना है। इसकी त्वरित सटीकता शत्रुतापूर्ण लक्ष्यों पर तेजी से हमला करने में सक्षम है। यह सेना को एक मजबूत वायु रक्षा प्रणाली प्रदान करेगा जिससे वह संभावित हवाई खतरों से महत्वपूर्ण संपत्तियों, सैनिकों और बुनियादी ढांचे की बेहतर रक्षा कर सकेगी।
  • आकाशतीर प्रणाली एकीकरण सेना को विभिन्न रडार, नियंत्रण केंद्रों और जमीन-आधारित हथियार प्रणालियों के डेटा को मिलाकर अपने वायु रक्षा अभियानों को अनुकूलित करने की अनुमति देगा। य