“जैसा हो अन्न, वैसा रहे मन,” ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी। यानी हम जो खाते हैं, उसका सीधा असर हमारे शरीर और मन पर होता है।
पिछले दो दशकों में हमारे खान-पान की आदतों में काफी बदलाव हुआ है। फास्ट फूड, पैकेज्ड फूड और जंक फूड का चलन तेजी से बढ़ा है। खाने को कई दिनों तक स्टोर करने के लिए फ्रिज का इस्तेमाल हो रहा है। फल-सब्जियों और फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए फर्टिलाइजर्स और दवाइयों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में हेल्दी और सेफ खाना चुनना एक बड़ी चुनौती है।
इसी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा हर साल 7 जून को वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को दूषित खाने के प्रति जागरूक करना है।
इसलिए आज जरूरत की खबर में बात फूड सेफ्टी के महत्व और जरूरत की।
साथ ही जानेंगे कि-
- दूषित खाने की वजह से दुनिया में कितने लोग बीमार पड़ रहे हैं?
- दूषित खाने से किस तरह की बीमारियां हो सकती हैं?
- भोजन को कंटैमिनेशन से बचाने के लिए क्या करें?
फलों और सब्जियों धोते हुए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
सबसे पहले तो ऐसे फल-सब्जियां खरीदें, जो फ्रेश हों। उसमें किसी तरह की खरोंच या फफूंद न लगा हो। इसके बाद इन बातों का ध्यान रखें। जैसेकि-
- रसोई में कुछ भी बनाने से पहले अपने हाथों को कम-से-कम 20 सेकेंड तक पानी और साबुन से अच्छे से धोएं।
- फलों-सब्जियों को साफ करने के लिए साफ पानी का ही इस्तेमाल करें।
- अगर आप सेब या आलू जैसी कोई ठोस चीज धो रहे हैं तो ब्रिसल वाला ब्रश लें और उसे पानी की धार के नीचे धीरे-धीरे रगड़ें। इससे उसकी गंदगी अच्छे से निकल जाएगी।
- पत्तेदार सब्जियों को कई चरणों में पानी से धोना चाहिए।
- जामुन, मशरूम जैसे नाजुक फलों-सब्जियों को नल के पानी के नीचे रखें और आराम से साफ करें।