देश के लिए गोलियां खाने से गोल्ड मेडल जीतने तक…, दिल छू लेगा ‘चंदू चैम्पियन’ का ट्रेलर

कार्तिक आर्यन (Kartik Aaryan) की मच अवेटेड फिल्म ‘चंदू चैम्पियन‘ (Chandu Champion Trailer Release) का पोस्टर कुछ दिन पहले ही जारी किया गया था। अभिनेता का पहला लुक देख फैंस दीवाने हो गये थे और ट्रेलर का इंतजार कर रहे थे। आखिरकार यह इंतजार भी खत्म हो गया है। आज ‘चंदू चैम्पियन’ का ट्रेलर रिलीज हो गया है। कार्तिक आर्यन की फिल्म ‘चंदू चैम्पियन‘ का निर्देशन कबीर खान (Kabir Khan) ने किया है। साजिद नाडियावाला निर्मित फिल्म में कार्तिक आर्यन ने गोल्ड मेडलिस्ट मुरलीकांत पेटकर की भूमिका निभाई है। दिलचस्प बात ये है कि कार्तिक ने अपने होमटाउन ग्वालियर में फिल्म का ट्रेलर लॉन्च किया है। अब सोशल मीडिया पर भी ट्रेलर जारी कर दिया गया है।

रिलीज हुआ चंदू चैम्पियन का ट्रेलर

‘1965 की जंग में इसे 9 गोलियां लगीं…’ ट्रेलर की शुरुआत ही चंदू चैम्पियन की कहानी के उस पन्ने से हुई, जिससे कम लोग वाकिफ हैं। बचपन से चैम्पियन बनने का ख्वाब देखने वाले मुरलीकांत की कहानी कैसे गोल्ड मेडलिस्ट से आर्मी ऑफिसर बनने की है। जिस शख्स का लोग चंदू चैम्पियन कहकर मजाक बनाते थे, वह देश के लिए पहला गोल्ड मेडलिस्ट लेकर आया। ट्रेलर में दिखाया गया है कि कैसे उनके पिता नहीं चाहते थे कि वह स्पोर्ट्स में जाये। मगर बचपन से ही खेल-कूद में उन्हें बड़ी दिलचस्पी थी। उन्होंने कुश्ती से करियर शुरू किया। ‘चंदू नहीं, चैम्पियन है मैं।’ यह डायलॉग है मुरलीकांत बने कार्तिक आर्यन का। ओलंपिक में जाने के लिए कार्तिक आर्यन को पहले फौज में भर्ती होना पड़ा। इसी के साथ उन्हें बॉक्सिंग में आगे बढ़ने का मौका मिला। मगर यहां भी उनकी जिंदगी आराम से नहीं चली। 1965 की जंग में 9 गोलियां खाकर मुरली कोमा में चले गये। जब उठे तो सपने पूरा करने में मुश्किल आई, लेकिन वह हार नहीं माने। वह फिर खड़े हुए और लड़ाई की। आखिर में उनकी लाइन है कि वह हर चंदू के लिए लड़ना चाहते हैं जो चैम्पियन बनना चाहता है। फिल्म 14 जून को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है।

कौन हैं मुरलीकांत पेटकर?

मुरलीकांत पेटकर भारत के पहले पैरालंपिक गोल्ड मेडलिस्ट हैं। उन्होंने 50 मीटर फ्रीस्टाइल स्विमिंग कॉम्पटीशन में 37.33 सेकंड का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। वह पद्म श्री से भी नवाजे जा चुके हैं। वह सिर्फ बॉक्सिंग नहीं बल्कि स्विमिंग, टेबल टेनिस जैसे स्पोर्ट्स में भी दिलचस्पी रखते थे। वह आर्मी में रहकर देश की सेवा भी कर चुके हैं।