गांव नन्यौला में देवी मंदिर का छज्जा गिरने से घायल हुई पंजाब के तसालपुर की रहने वाली 17 वर्षीय सिमरन ने भी उपचार के दौरान चंडीगढ़ सेक्टर-32 अस्पताल में सोमवार की रात दम तोड़ दिया। मंगलवार देर शाम उसका शव गांव में पहुंचा जहां गमगीन माहौल में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस तरह 24 घंटे में एक गांव में एक ही परिवार की तीसरी बेटी की चिता जली।
अब सिमरन का एक छोटा भाई और एक बहन रह गए हैं। उसके पिता बलकार सिंह मजबूरी करते हैं जबकि मां गृहिणी है। बता दें कि इससे पहले सिमरन की चचेरी बहन 22 वर्षीय मनीषा और 24 वर्षीय परविंद्र का सोमवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे ही निधन हो गया था। शाम के समय उनका संस्कार किया गया था। सोमवार के बाद मंगलवार को भी गांव में मातम पसरा रहा। संस्कार के समय गांव नन्यौला की पंचायत भी शामिल हुई और शोकाकुल परिवार का ढांढस बंधाया।
बता दें कि तीनों बहनों ने गांव नन्यौला की सीएससी से ब्यूटी पार्लर का कोर्स करने के लिए आनलाइन फार्म भरा था। इसके बाद वह वहां से वापस अपने घर जाने के लिए बस की प्रतीक्षा कर रही थी। धूप ज्यादा होने के कारण तीनों देवी मंदिर के बाहर छज्जे के नीचे बैठी थी, इसी दौरान छज्जा अचानक गिर गया और तीनों की मौत हो गई।
पंजाब के गांव तसालपुर की रहने वाली 22 वर्षीय मनीषा और 24 वर्षीय परविंद्र, 17 वर्षीय अपनी चचेरी बहन सिमरन को साथ लेकर गांव नन्यौला में अपने सुनहरे भविष्य की बुनियाद रखने यहां आई थी। किसी को नहीं पता था कि यह दिन तीनों का आखिरी दिन होगा। 24 वर्षीय परविंद्र के घर उसकी शादी की तैयारियां चल रही थी। पंजाब के डकाला गांव से उसका रिश्ता तय हो चुका था और जल्द ही उसके हाथ पीले करने की तैयारियां उसकी मां और चाचा कर रहे थे। सभी बहुत खुश थे।