नम आंखों ने दी विधायक राकेश दौलताबाद को अंतिम विदाई

आपकी जानकारी के लिए बता दे की हरियाणा की बादशाहपुर के विधायक राकेश दौलताबाद का हजारों नम आंखों ने अंतिम विदाई दी। उनका शनिवार दोपहर हृदय गति रुकने से निधन हो गया। अंतिम संस्कार पैतृक गांव दौलताबाद में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। गांव दौलताबाद में 17 मार्च 1980 को पिता जिले सिंह व माता रोशनी देवी के घर राकेश दौलताबाद का जन्म हुआ था।

युवावस्था से ही वह समाजसेवा में सक्रिय हो गए थे। उन्होंने वर्ष 2009, 2014 तथा वर्ष 2019 में तीन बार बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा। जिनमें पिछली बार वह विधायक निर्वाचित हुए। आज अचानक उनके निधन का समाचार सुनकर क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।

अंतिम सलामी

प्रदेश सरकार की ओर से डीसीपी ट्रैफिक विरेंद्र विज एवं मानेसर के एसडीएम दर्शन यादव ने दिवंगत नेता के सम्मान में पुष्पचक्र अर्पित किया। हरियाणा पुलिस के जवानों ने हवाई राउंड फायर कर उन्हें अंतिम सलामी दी। विधायक राकेश दौलताबाद के ज्येष्ठ पुत्र मिलिंद जांघू ने मुखाग्रि दी।

परिवार में पिता जिलेसिंह, माता रोशनी देवी, धर्मपत्नी कुमुदनी, पुत्र मिलिंद जांघू, देव जांघू, भतीजी चारवी जांघु व भतीजा युग जांघू हैं। नजदीकी संदीप नरूका का कहना है कि राकेश दौलताबाद को पहले कभी हार्ट (दिल) की परेशानी नहीं हुई। शनिवार सुबह अचानक सीने में दर्द की शिकायत आई थी।

जबर्दस्त थी पकड़

बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र के ऊपर राकेश दौलताबाद की जबर्दस्त पकड़ थी। वर्ष 2019 के दौरान मोदी लहर के बाद भी भाजपा प्रत्याशी मनीष यादव को 10,142 मतों से चुनाव में हरा दिया था। जीतने के बाद उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार को समर्थन दे दिया था।

उन्हें हरियाणा कृषि उद्योग विकास निगम के चेयरमैन की जिम्मेदारी दी गई थी। राजनीति में आने से पहले वह परिवर्तन संघ नामक संगठन के माध्यम से सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय थे। नजफगढ़ ड्रेन के ओवरफ्लो होने की वजह से जिले के गांव दौलताबाद सहित सात गांवों की 5600 एकड़ भूमि वर्षों से जलमग्न है।