नेपाल में चल रहे सागरमाथा संबाद कार्यक्रम में चीनी नेता ने माउंट एवरेस्ट को चीनी नाम से संबोधित किया। चीन की स्थायी समिति के उपाध्यक्ष शियाओ जी ने कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान करीब 10 बार माउंट एवरेस्ट को चोमुलुंगमा कहा। इस पर फोरम में मौजूद अन्य देशों के नेताओं ने आपत्ति जताई। जबकि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली चुप्पी साधे रहे।
नेपाल में चल रहे सागरमाथा संबाद में विभिन्न देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इसमें हिमालयी क्षेत्र में बर्फ के तेजी से पिघलने और पारिस्थितिकी तंत्र के कमजोर होने को लेकर चर्चा की जा रही है। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में चीनी नेता ने अपने भाषण में माउंट एवरेस्ट को चोमुलुंगमा कहकर संबोधित किया। जबकि अन्य देशों के नेताओं ने माउंट एवरेस्ट को अंग्रेजी और नेपाली नाम लेकर ही संबोधित किया। जब चीनी नेता ने माउंट एवरेस्ट का नया नाम लिया तो कार्यक्रम में नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा, वित्त मंत्री बिष्नु पौडेल समेत 200 अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागी मौजूद थे।
चीनी नेता के इस बयान ने नए विवाद को जन्म दे दिया है। इस मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि मुझे मामले की जानकारी नहीं है। काठमांडू में हो रहे कार्यक्रम में बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, यूके, यूएई,जापान, भारत, कतर, कजाख्स्तिान, ब्राजील, मिस्र, ओमान और पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल भाग ले रहा है। इसके अलावा यूएन, विश्व बैक, एडीबी, सार्क, बिम्सटेक और आईसीआईएमओडी के प्रतिनिधि में भी शामिल हो रहे हैं।