पंजाब में खालों की सफाई और निशानदेही कार्यों को लेकर आम आदमी पार्टी की सरकार ने अहम पहल की है। यह कदम प्रदेश में जमीन के निचले पानी की कमी को दूर करने के साथ-साथ खेतों की सिंचाई को भी प्रोत्साहित करेगा। पंजाब सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव, क्रिशन कुमार ने यह हिदायतें जारी की हैं कि खेतों को नहरी पानी से आवृत्त करने के लिए सूएं और खालों की सफाई की जाए और जिन खालों की जगह किसानों ने अवैध तरीके से कब्जा किया है, उनकी निशानदेही करके वहां खाले बनाई जाएं।
किसानों में खुशी की लहर
यह कदम दशकों से लंबित रहे खालों की सफाई और निशानदेही के काम को लेकर किसानों में बड़ी खुशी की लहर लाएगा। इसके साथ ही, सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने भाईचारे की भावना को मजबूत करने के लिए किसानों को उनकी कब्जाई हुई जगह छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया है। यदि यह कार्रवाई कानूनी रूप से की जाती है, तो उन लोगों को जितने सालों से खाले की जगह पर कब्जा हुआ है, उनकी कब्जाई की रकम के हिसाब से दंड भी दिया जाएगा। इसके परिणामस्वरूप, लोग खुद ही जगह छोड़ रहे हैं।
साधारण रूप से, एक या दो करम के खालों की निशानदेही की जा रही है, जिससे प्रति एकड़ जमीन पर सिंचाई की व्यापकता बढ़ेगी। किसानों में नहरी पानी के प्राप्त होने से बहुत खुशी है। उनका दावा है कि इससे न केवल जमीन के निचले पानी की बचत होगी, बल्कि वनस्पति की वृद्धि भी होगी, क्योंकि नहरी पानी में प्राकृतिक तत्वों की अधिकता होती है। अगर सरकार सफलतापूर्वक सभी खालों की निशानदेही करवा कर उन्हें चालू कर देती है, तो यह पंजाब में भूजल की बचत को बढ़ाएगा। भगवंत मान सरकार ने धान के सीजन के मद्देनजर खालों की मरम्मत भी करवाई है।
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