प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि दी, जिन्हें लाहौर षडयंत्र मामले में उनकी भूमिका के लिए अंग्रेजों ने फांसी पर लटका दिया था। तीनों क्रांतिकारियों ने ब्रिटिश शासन का विरोध करने के लिए हाथ मिलाया, जिसमें सिंह ने अप्रैल 1929 में केंद्रीय विधान सभा में बम फेंका था। बम का उद्देश्य किसी को मारना नहीं था, बल्कि उनके विरोध को उजागर करना था। उन्हें 1931 में आज ही के दिन फांसी दी गई थी। उनकी मृत्यु के समय तीनों की आयु 25 वर्ष से कम थी। मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “आज हमारा देश भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के सर्वोच्च बलिदान को याद करता है। स्वतंत्रता और न्याय के लिए उनका निडर प्रयास हम सभी को प्रेरित करता है।”