जम्मू
विनोद कुमार
एलओसी के साथ सटे पुंछ और राजौरी जिले में पीडीपी में बगावत जैसे स्थिति बन गई है। पुंछ-राजौरी के प्रभारी एवं पूर्व एमएलसी एडवोकेट एमआर कुरैशी के इस्तीफे के बाद लाइन लग गई। पार्टी के कर्मठ नेता वसीम और नसीम ने भी पार्टी को छोड़ दिया है। इस्तीफ़ों के बीच 100 से अधिक वर्कर्स ने भी पार्टी छोड़ने का फ़ैसला लिया है। पुंछ और राजौरी से पीडीपी की उम्मीदों पर पानी फिरता नज़र आ रहा है। पार्टी छोड़ने वाले एडवोकेट एमआर क़ुरैशी ने दावा किया है कि पीडीपी को एक भी सीट जीतने नहीं दी जाएगी।
दरअसल हुआ यूँ कि पार्टी ने पहाड़ी नेता एवं पूर्व एमएलसी एमआर क़ुरैशी को पुंछ और राजौरी का प्रभारी बनाया। क़ुरैशी महबूबा मुफ़्ती के नज़दीक माने जाते रहे हैं। लेकिन चौधरी हामिद ने टिकटों के वितरण में एमआर क़ुरैशी को विश्वास नहीं लिया। पहाड़ी नेताओं को नज़रअंदाज़ कर गुज्जर नेताओं को मौक़ा दिया गया। फिर क्या था पहाड़ी नेता ख़फ़ा हो गये और पार्टी छोड़ने का दौर शुरू हो गया। एमआर क़ुरैशी का कहना है कि पार्टी के मुश्किल वक़्त में साथ रहने वाले नेताओं से इंसाफ़ नहीं किया। उन का कहना है कि मुझे टिकट ऑफर किया था, लेकिन कर्मठ वर्कर्स के लिया पार्टी को छोड़ दिया है।
दिलचस्प बात है कि साउथ कश्मीर के बाद स्वर्गीय मुफ़्ती मोहम्मद सैयद ने दोनों ज़िलों पर फोकस किया। सरकार बनने के बाद विकास भी करवाया, लेकिन टिकटों के वितरण ने पार्टी को कमजोर कर दिया।