मुरादाबाद के कांठ रोड से इस्लाम नगर जाने वाले बाईपास से करीब एक किलोमीटर नीचे उतरकर रामगंगा नदी किनारे स्थित सुनसान इलाके में बने प्राचीन शिव मंदिर में महंत मुन्ना लाल पुरी अकेले रहते थे। उनका न तो कोई शिष्य था और न ही परिवार का कोई सदस्य यहां आता जाता था लेकिन हत्याकांड को जिस अंदाज में अंजाम दिया गया है, उससे लग रहा है कि इसमें महंत का कोई करीबी शामिल रहा है।
जिसके लिए महंत गेट खोल सकते थे। हत्यारोपी मंदिर और उस क्षेत्र से पूरी तरह से वाकिफ थे। ग्रामीणों ने बताया कि महंत अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद सतर्क रहते थे। वह चैनल गेट का दरवाजा अंदर से बंद कर ताला लगा देते थे। अंजान लोगों के लिए न तो ताला खोलते थे और न ही वह रात में बाहर निकलते थे।
बृहस्पतिवार सुबह सुबह उनका शव बेड पर ही पड़ा मिला। पुलिस और फोरेंसिक टीम की जांच में पता चला कि महंत मुन्ना लाल का शव जिस हालत में मिला है, उसे देखकर लग रहा है कि महंत पर सोते हुए ही हमला किया गया था। उनके गले और एक साइड की कनपटी पर निशान मिले हैं।
महंत दो लिहाफ ओढ़कर सो रहे थे लेकिन लिहाफ और बिस्तर की हालत देखकर नहीं लग रहा है कि महंत ने कोई संघर्ष भी किया होगा। इसके अलावा बेड के पास ही उनका संदूक भी सही हालत में मिला है। इसके अलावा दीवार पर टंगी एलईडी को भी उतारने का प्रयास नहीं किया गया है।