दिल्ली में एमसीडी सदन में एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी चुनाव के लिए वोटिंग पूरी हो गई है। मतदान अतिरिक्त आयुक्त जितेंद्र यादव की मौजूदगी में हुआ, उन्हें मेयर और डिप्टी मेयर की अनुपस्थिति में पीठासीन अधिकारी बनाया गया। आप चुनाव में हिस्सा नहीं लिया।
एमसीडी में स्टैंडिंग कमेटी के 18वें सदस्य के चुनाव के लिए कुल 2.5 घंटे का समय किया गया था। लेकिन चुनाव मात्र एक घंटे में ख़त्म हो गया। क्योंकि केवल भाजपा के पार्षद ही वोटिंग में हिस्सा ले रहे थे। जबकि आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने इस चुनाव का बहिष्कार किया था। कांग्रेस ने कल ही चुनाव से दूर रहने की घोषणा कर दी थी। इससे पहले दिल्ली की मेयर शेली ओबेरॉय ने एमसीडी कमिश्नर को 5 अक्तूबर को स्थायी समिति के सदस्य के लिए चुनाव कराने का निर्देश दिया था। मेयर ने एमसीडी कमिश्नर को पत्र लिखा। उन्होंने कमिश्नर द्वारा घोषित स्टैंडिंग कमेटी सदस्य के चुनाव को अवैध घोषित किया। उधर, आम आदमी पार्टी के विधायक दिल्ली विधानसभा के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया।
बता दें कि गुरुवार को दिल्ली नगर निगम आयुक्त अश्विनी कुमार ने 27 सितंबर को दोपहर 1 बजे स्थायी समिति सदस्य चुनाव कराने का आदेश जारी किया। चुनाव को लेकर दिल्ली सरकार, मेयर और राजनिवास के बीच चले टकराव के बाद एलजी के आदेश पर आयुक्त ने रात को यह निर्देश जारी किया।
भाजपा की नीयत में खोट: केजरीवाल
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘भाजपा की नीयत में खोट नजर आ रहा है। एमसीडी की बैठक बुलाने का अधिकार केवल और केवल मेयर को है। एलजी साहब और कमिश्नर भी बैठक नहीं बुला सकते हैं। बैठक की अध्यक्षता भी मेयर कर सकते हैं। कल को लोकसभा की अध्यक्षता भी ये लोग गृह सचिव से करवा देंगे। इसके साथ ही, सदन की बैठक बुलाने के दौरान 72 घंटे का समय देना होता है, लेकिन इन्होंने नहीं दिया। इनकी नीयत में खोट नजर आ रहा है। ये कुछ ना कुछ गड़बड़ करने की साजिश रच रहे हैं।