गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। अहमदाबाद में एयर इंडिया की एक विमान दुर्घटना में 68 वर्षीय रूपाणी का निधन हो गया, जिससे राजनीतिक जगत शोक में डूब गया है। उनकी अंतिम यात्रा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और राज्यपाल आचार्य देवव्रत सहित कई प्रमुख नेता शामिल हुए।
साधारण शुरुआत, असाधारण सफर
विजय रूपाणी ने 1987 में राजकोट नगर निगम में पार्षद के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा—वे राजकोट के मेयर बने, राज्यसभा सांसद रहे, गुजरात भाजपा के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री भी रहे। 2016 में वे गुजरात के मुख्यमंत्री बने और राज्य की राजनीति में एक प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित हुए।
विमान दुर्घटना में हुई मौत
रूपाणी लंदन जा रहे थे, जहां वे अपनी बेटी से मिलने वाले थे। 12 जून को अहमदाबाद से उड़ान भरने वाले विमान AI171 में वे सवार थे। यह विमान उड़ान के कुछ समय बाद तकनीकी खराबी के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में 242 यात्रियों में से कई की मौत हुई, जिनमें विजय रूपाणी भी शामिल थे। तीन दिन बाद डीएनए परीक्षण से उनकी पहचान की गई और उनके पार्थिव शरीर को उनके परिजनों को सौंपा गया।
राजकीय शोक और अंतिम विदाई
गुजरात सरकार ने विजय रूपाणी के सम्मान में एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया। उनका अंतिम संस्कार राजकोट में किया गया, जहां उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई। अंतिम यात्रा उनके निवास से श्मशान घाट तक लगभग 6 किलोमीटर लंबी थी।
हजारों की संख्या में लोगों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। फूलों की वर्षा के बीच, महिलाओं सहित कई श्रद्धालुओं ने हाथ जोड़कर अपने नेता को अंतिम प्रणाम किया।
पार्टी के प्रति योगदान
विजय रूपाणी ने गुजरात में भाजपा की स्थिति को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई थी। 2022 विधानसभा चुनाव में पार्टी को 182 में से 156 सीटें दिलाने में उनका रणनीतिक योगदान था, जिसने 1995 से राज्य में भाजपा की पकड़ को और मजबूत किया।
रूपाणी की असमय मृत्यु ने राजनीति को एक अनुभवी और दूरदर्शी नेता से वंचित कर दिया है। उनकी सादगी, नेतृत्व क्षमता और पार्टी के प्रति निष्ठा को हमेशा याद किया जाएगा।