पेरिस पैरालंपिक में भारत का प्रदर्शन दमदार रहा। भारत ने रिकॉर्ड 29 पदक जीते। ओलंपिक में देश के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पैरा एथलीट्स ने यहां के लोगों को खुशियां दीं। देश का नाम रोशन करने के बाद अब पैरा एथलीट्स भारत लौट चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में अपने आवास पर पैरा एथलीट्स और कोच से मुलाकात की। इस दौरान पीएम ने खिलाड़ियों और कोच का हौसला बढ़ाया। वहीं, खिलाड़ी ने भी अपनी कहानी पीएम से साझा की। इसका वीडियो भी सामने आया है। हालांकि, पीएम मोदी ने भाला फेंक में स्वर्ण जीतने वाले नवदीप और तीरंदाजी स्टार शीतल देवी की जमकर सराहना की। वहीं, योगेश कथुनिया ने पीएम का अलग मतलब भी समझाया।
पीएम मोदी से बातचीत के दौरान भाला फेंक में स्वर्ण जीतने वाले सुमित अंतिल ने कहा- यह मेरा लगातार दूसरा स्वर्ण पदक है। टोक्यो के बाद आपने मुझसे दो और स्वर्ण लाने का वादा लिया था। यह आपके लिए है। अपनी पूरी टीम की ओर से मैं आपको धन्यवाद देता हूं।’ वहीं, पेरिस पैरालंपिक रजत पदक विजेता शरद कुमार ने कहा, ‘यह पैरालंपिक में मेरा दूसरा पदक है। मैं शुरुआत से ही पैरा-आंदोलन से जुड़ा रहा हूं। भारतीय पैरालंपिक दल को देखकर मुझे बेहद गर्व होता है। इस टीम ने एक खेल राष्ट्र के रूप में भारत को वर्गीकृत किया है। खेलों से पहले आपकी प्रेरणा के लिए हम आपके बहुत आभारी हैं और हम सभी उनके बाद आपसे मिलने के लिए उत्सुक थे। किसी ने भी पैरा को इस तरह स्वीकार नहीं किया है, जिस तरह आपने किया है।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पैरा एथलीट्स के कोच की तारीफ करते हुए कहा, ‘दिव्यांगों को सिखाने के लिए कोच खुद को उस जीवन शैली में जीने की मानसिक तैयार करते हैं। वह खुद को पैरा-एथलीटों की स्थिति में रखते हैं ताकि उन्हें बेहतर तरीके से प्रशीक्षित कर सकें। पैरा एथलीट्स को तैयार करने वाले कोच असाधारण होते हैं। जो पूरी तरह से सक्षम हैं, उन्हें केवल तकनीक सिखाने की जरूरत है, लेकिन दिव्यांगों को जीवन जीने का तरीका भी सिखाने की जरूरत होती है।
पेरिस पैरालंपिक के रजत पदक विजेता योगेश कथूनिया ने कहा, ‘मैं अपनी निरंतरता का श्रेय आपके द्वारा शुरू की गई योजनाओं- टॉप्स, खेलो इंडिया आदि को देता हूं। यह आपकी वजह से है कि हम 29 पदक जीतने में सफल रहे हैं। दूसरों के लिए पीएम का मतलब प्राइम मिनिस्टर है, लेकिन हमारे लिए पीएम का मतलब परम मित्र है।’