प्याज की बढ़ती महंगाई को देखते हुए पीएम मोदी ने किया इंतजाम, जाने महंगाई का कारण

प्याज की बढ़ती महंगाई को देखते हुए पीएम मोदी ने किया इंतजाम, जाने महंगाई का कारण
प्याज की बढ़ती महंगाई को देखते हुए पीएम मोदी ने किया इंतजाम, जाने महंगाई का कारण

दिवाली के आसपास, अच्छे खाने के स्वाद को बढ़ावा देने वाले प्याज के मूल्य में भारी वृद्धि की ओर संकेत कर रहे हैं। खुदरा बाजार में प्याज की कीमतें अचानक बढ़ गई हैं, जिसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ रहा है। पीटीआई की खबरों के मुताबिक, अभी तक प्याज की कीमतें 47 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच चुकी हैं, जो किसानों से लेकर आम आदमी तक के लिए चिंता का कारण बन गई है.

सरकार बेचेगी ‘बफर स्टॉक’

प्याज की महंगाई से परेशान होने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है कि मोदी सरकार ने कदम उठाया है ताकि इस समस्या का समाधान हो सके. सरकार ने प्याज की बफर स्टॉक की बिक्री को बढ़ाने का आदेश दिया है, जिससे प्याज की बढ़ती कीमतों को कम किया जा सके. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल इस समय खुदरा बाजार में प्याज की कीमत 30 रुपये प्रति किलोग्राम के दर पर बिक रही थी. हालांकि वर्तमान में, प्याज की रिटेल कीमत 40 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है.

‘बफर स्टॉक’ की हो रही बिक्री

बढ़ती हुई प्याज की कीमतों के समस्या को सुलझाने के लिए सरकार ने दिग्गज उपायों का सामर्थ्य दिखाया है। कंज्यूमर अफेयर्स सचिव, रोहित कुमार सिंह ने बताया कि प्याज की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए अगस्त 2023 से ही प्याज के बफर स्टॉक को बाजार में बेचा जा रहा है.

सरकार की प्रमुख चिंता है कि बाजार में प्याज की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे और कीमतों को कंट्रोल में रखा जा सके. अगस्त 2023 से अब तक, केंद्र सरकार ने कुल 1.70 लाख टन प्याज के बफर स्टॉक को 22 राज्यों में बेचा गया है. ध्यान देने वाली बात यह है कि केंद्र सरकार ने प्याज के बफर स्टॉक को भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (NAFED) और भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (NCCF) के द्वारा बेचा जा रहा है. इस उपाय से आम लोगों को आराम मिलने की आशा है.

प्याज महंगा होने का कारण

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, प्याज की कीमतों के बढ़ने के पीछे कई कारण हैं, और इनमें खरीफ फसल की बुआई में हुई देरी एक मुख्य कारण है. बुआई में देरी होने की वजह से फसल की पैदावार में भी देरी हुई है, जिसका असर थोक और खुदरा प्याज की कीमतों पर दिखाई दे रहा है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के डेटा के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकार NAFED (भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ) और NCCF (भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ) में कुल 5 लाख टन प्याज के बफर स्टॉक की बिक्री बाजार में करने वाली है. सरकार इसके अलावा अतिरिक्त 2 लाख टन प्याज की बिक्री की योजना बना रही है, जिससे खुदरा बाजार में समय पर प्याज की उपलब्धता और कीमतों का नियंत्रण सुनिश्चित किया जा सके।