
वित्त विभाग के तहत विभिन्न निदेशालयों के विलय के पंजाब मंत्रिमंडल के फैसले का वित्त मंत्री ने किया स्वागत
चंडीगढ़, 26 जून:
पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज बताया कि वित्त विभाग राज्य सरकार के कुछ छोटे और परस्पर जुड़े विभागों के विलय की एक रणनीतिक पहल पर सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। इस कदम का उद्देश्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं में तेजी लाना, दक्षता में महत्वपूर्ण वृद्धि करना और उपलब्ध संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित करना है।
पंजाब मंत्रिमंडल द्वारा वित्त विभाग के अंतर्गत विभिन्न निदेशालयों के विलय के निर्णय का स्वागत करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि इस कदम से प्रशासनिक दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और राज्य के लिए महत्वपूर्ण लागत बचत संभव हो सकेगी। उन्होंने बताया कि इस रणनीतिक पुनर्गठन से राज्य को प्रतिवर्ष लगभग 2.64 करोड़ रुपए की बचत होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इन विभागों के एकीकरण से न केवल कार्यप्रणाली में सुधार होगा, बल्कि इन महत्वपूर्ण विभागों की कार्य क्षमता और प्रभावशीलता भी बढ़ेगी। यह पुनर्गठन एक अधिक चुस्त और वित्तीय रूप से जिम्मेदार प्रशासन की दिशा में एक अहम कदम है।
आगे जानकारी देते हुए वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि वित्त विभाग अन्य राज्य सरकार के विभागों के पुनर्गठन और विलय की दिशा में भी व्यापक प्रयास कर रहा है, ताकि शासन की कार्यप्रणाली को और अधिक सरल बनाया जा सके, दोहराव को समाप्त किया जा सके और एक अधिक संगठित व उत्तरदायी प्रशासनिक ढांचा विकसित किया जा सके। उन्होंने कहा, “आपस में मिलती-जुलती कार्यप्रणाली या समान उद्देश्यों वाले विभागों को एक साथ लाकर, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार निर्णय लेने और क्रियान्वयन की गति में उल्लेखनीय वृद्धि की आशा कर रही है, जिससे अंततः पंजाब के नागरिकों को अधिक प्रभावी और उत्तरदायी जनसेवाएं मिलेंगी।”
उल्लेखनीय है कि पंजाब मंत्रिमंडल ने वित्त विभाग के अंतर्गत कई निदेशालयों के विलय को मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाना और खर्चों को कम करना है। जिन निदेशालयों का विलय किया जा रहा है, उनमें निदेशालय लघु बचत, बैंकिंग और लॉटरी; निदेशालय वित्तीय संसाधन एवं आर्थिक खुफिया (डी एफ आर ई आई ) और सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीईडी ); तथा निदेशालय कोषागार एवं लेखा, पेंशन और एनपीएस शामिल हैं। इस एकीकरण से कार्यप्रणाली में उल्लेखनीय सुधार और शासन व्यवस्था में मजबूती आने की उम्मीद है।