रायकोट के गांव झोरडां में प्राइमरी स्कूल का नाम आईटीबीपी के शहीद एएसआई गुरमुख सिंह के नाम पर रखने के लिए आयोजित सरकारी समागम के दौरान विवाद हो गया। स्कूल के नामकरण को लेकर गांव वासी दो धड़ों में बंट कर एक दूसरे के सामने हो गए। एक गुट स्कूल का नाम शहीद के नाम पर रखने के फैसले का समर्थन कर रहा है वहीं कुछ ग्रामीण स्कूल बिल्डिंग का निर्माण करवाने वाले संत बाबा कुंदन सिंह जी कलेरां वालों के नाम पर स्कूल का नाम करवाने पर अड़ गए हैं। विवाद के चलते मौके पर भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है। सोमवार को लुधियाना के बद्दोवाल स्थित आईटीबीपी की 26 बटालियन के कमांडेंट सौरभ दुबे 45 जवानों के साथ स्कूल का नामकरण शहीद एएसआई गुरमुख सिंह के नाम पर करने के लिए गांव पहुंचे। उनके साथ जिला शिक्षा अफसर रविंदर कौर और विधायक हाकम सिंह ठेकेदार भी समागम में शामिल हुए। इसी दौरान विवाद हो गया। प्राइमरी स्कूल की इमारत का निर्माण संत बाबा कुंदन सिंह कलेरां वालों ने 16 मई 1980 को संत बाबा ईशर सिंह की याद में करवाया था। 26 मार्च 2023 को संत बाबा गुरजीत सिंह कलेरां वालों ने इसी स्कूल की नई इमारत का निर्माण करवाया था।
आईटीबीपी की 45वीं वाहिनी मदुरई में तैनात एएसआई गुरमुख सिंह को छत्तीसगढ़ के जिला नारायणपुर में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान ड्यूटी पर भेजा गया था। 20 अगस्त 2021 में कडेमेटा कंपनी ऑपरेटिंग बेस के नजदीक पेट्रोलिंग कर रहे एएसआई गुरमुख सिंह की टुकड़ी पर नक्सलियों ने घात लगाकर हमला कर दिया था जिसमें अभूतपूर्व साहस और बहादुरी से नक्सलियों का मुकाबला करते हुए गुरमुख सिंह शहीद हो गए थे। इसके बाद पंचायत ने प्रस्ताव पास करके सरकारी प्राइमरी स्मार्ट स्कूल का नाम शहीद के नाम पर रखने के लिए सरकार को भेज दिया था। तीन साल बाद सोमवार को स्कूल का नाम शहीद के नाम पर रखने के लिए सरकारी समागम रखा गया था जिसमें विवाद खड़ा हो गया। फिलहाल स्कूल के मुख्य द्वार पर शहीद के नाम का बोर्ड लगाकर समागम शुरू कर दिया गया है। वहीं दूसरी तरफ कई ग्रामीण इसके विरोध में नारेबाजी कर रहे हैं।