लोकसभा चुनाव के बीच यह कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी रायबरेली से पहली बार चुनाव लड़ अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत करेंगी। हालाकि, जब राहुल गांधी ने रायबरेली से अपना नामांकन दाखिल किया तो यह दावा भी पूरी तरह से खारिज हो गया। अब सवाल है कि आखिर कांग्रेस प्रियंका गांधी को चुनावी मैदान में न उतारने का फैसला किसका था? इस पर अब कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चुप्पी तोड़ी है।
खुद प्रियंका गांधी ने लिया फैसला
पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में खरगे ने बताया कि ‘यह सोनिया गांधी, राहुल गांधी और खुद प्रियंका गांधी का निर्णय था। हालांकि, खरगे ने भी प्रियंका गांधी के चुनाव न लड़ने को उचित ठहराया है। खरगे ने कहा कि सोनिया गांधी 30 साल से राजनीति में हैं और उन्हें पता है कि किसे कहां से चुनाव लड़ना चाहिए।’
प्रियंका हमारी स्टार प्रचारक
कांग्रेस प्रमुख ने आगे कहा कि ‘प्रियंका भी राहुल गांधी के साथ हमारी स्टार प्रचारक हैं, क्योंकि सोनिया गांधी जी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। उनकी मांग है और हजारों लोग उन्हें सुनने आते हैं। वे दोनों हमारी संपत्ति हैं और अगर हम अपनी सारी संपत्ति एक जगह निवेश करते हैं, तो दूसरों का क्या होगा क्योंकि उन्हें भी दूसरों की मदद करनी है। उन्होंने जो भी फैसला लिया है, हम उसका स्वागत करते हैं।’
कांग्रेस जानबूझकर कम सीटों पर लड़ रहा चुनाव
खरगे ने कहा कि कांग्रेस ने इस लोकसभा चुनाव में जानबूझकर कम सीटों पर चुनाव लड़ा है, ताकि INDI गंठबंधन को एकजुट रखा जा सके और भाजपा को हराया जा सके। कांग्रेस 328 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जो अब तक की उसकी सबसे कम संख्या है और उसने INDI गठबंधन में अन्य विपक्षी दलों के लिए 200 से अधिक सीटें छोड़ी हैं।