ज्योतिष शास्त्र में खगोलीय घटना का विशेष महत्व है। जब ग्रह और नक्षत्र की चाल बदलती है, तो जातक पर अनुकूल और प्रतिकूल दोनों प्रभाव पड़ते हैं। अगर ग्रह की चाल वक्री है, तो प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वहीं, ग्रह की चाल मार्गी होने पर जातक पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है। अत: जातक के जीवन में कभी स्थिरता तो कभी गति आती है। ज्योतिषों की मानें तो राशि में शुभ ग्रह के कमजोर रहने से शुभ और मंगल कार्यों में अड़चनें आनी लगती हैं। खासकर बृहस्पति के कमजोर होने से मांगलिक कार्यों में बहुत दिक्कत आती है। ऐसे जातकों को गुरुवार का व्रत करना चाहिए। साथ ही बृहस्पति मंत्र का जाप भी करना चाहिए। अगर आपके बने काम बिगड़ जाते हैं, तो गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए इन मंत्रों का जापआइए, मंत्र रोजाना करें-
बृहस्पति शांति ग्रह मंत्र-
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।।
ॐ ह्रीं नमः।
ॐ ह्रां आं क्षंयों सः ।।
1.