भगवान राम और माता सीता ने व्रत रखकर सबसे पहले की थी छठ पूजा

आपकी जानकारी के अनुसार ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर समेत पूरे विश्व में आज नहाय खाय के साथ चार दिवसीय छठ महाप र्व शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ट्वीट कर छठ महापर्व की शुभकामना दी है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर लिखा है कि छठ महापर्व के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। भगवान सूर्य का आशीर्वाद हमारे जीवन को खुशी, स्वास्थ्य, शांति और समृद्धि से भर दें।
रामराज में हुआ था छठ पूजा का प्रारंभ
यहां उल्लेखनीय है कि छठ पूजा का प्रारंभ त्रेता युग में रामराज की स्थापना के साथ माना जाता है। मान्यता के अनुसार लंका विजय के बाद राम राज्य की स्थापना के दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि में भगवान श्री राम और माता सीता ने व्रत रखकर सूर्य देव की आराधना की और सप्तमी को सूर्य देव के समय पुनः अनुष्ठान कर आशीर्वाद लिया। तभी से छठ पूजा का विशेष महत्व है। इस व्रत और पूजा की चर्चा विष्णु पुराण, देवी पुराण आदि प्राचीन ग्रंथो में भी विस्तार से की गई है।

भुवनेश्‍वर में 1980 के दशक से शुरू हुआ छठ महापर्व
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में 1980 के दशक से छठ महापर्व मनाया जा रहा है। राजधानी भुवनेश्वर के बाहरी हिस्से भुवनेश्वर-कटक राष्ट्रीय राजमार्ग के नीचे से प्रवाहित कुआखाई नदी के तट पर बड़े ही धूमधाम के साथ अब सामूहिक रूप से छठ महापर्व मनाया जाता है। भुवनेश्वर में यहां मनाया जाएगा सामूहिक रूप से छठ महापर्व
राजधानी भुवनेश्वर में भुवनेश्वर-कटक रोड कुआखाई नदी घाट, न्यू बालीयात्रा मैदान, पांड्रा, चिंतामणिश्वर आदि जगहों पर सामूहिक रूप से बड़े ही धूमधाम एवं पवित्रता के साथ छठ महापर्व मनाया जाता है। इस महापर्व में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना होता है ऐसे में दीपावली के बाद से ही नदी घाट की सफाई शुरू हो जाती है।
राजधानी भुवनेश्वर में पहली बार
कुआखाई नदी घाट की सफाई का आश्वासन मेयर सुलोचना दास ने दिया। उन्होंने जल्द ही कुआखाई छठ घाट पर स्थाई लाइटिंग की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है। हजारों लोगों का जमावड़ा घाट पर होता है ऐसे में भुवनेश्वर के डीसीपी प्रतीक सिंह ने सभी घाट पर सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम करने की बात कही है।