भाजपा के बाद अब सपा के साथ इस पार्टी में भी बदलाव की सुगबुगाहट

भाजपा की ओर से जिलाध्यक्ष व महानगर अध्यक्ष की घोषणा के बाद सपा और कांग्रेस में भी बदलाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। इन दोनों दलों की जिला और महानगर कार्यकारिणी में बदलाव किए जाने हैं। सपा ने अपनी नई सूची को लंबित रखा है, वहीं कांग्रेस स्थानीय स्तर से मांगे गए नामों के पैनल पर विमर्श कर रही है। दावेदारों ने लखनऊ और दिल्ली की दौड़ लगानी शुरू कर दी है। पार्टी पदाधिकारियों ने जल्द नाम घोषित होने की उम्मीद जताई है।

रविवार को संगठन पर्व पर भाजपा ने संगठन को मजबूत करने और विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज होने का संकेत दे दिया था। इसके तुरंत बाद ही सपा और कांग्रेस में भी बदलाव की चर्चा शुरू हो गई। 

सपा के शीर्ष नेताओं का कहना है कि जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष दोनों ही पदों पर फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष करेंगे। दिसंबर 2024 में इसके लिए वह लखनऊ में एक बैठक भी कर चुके हैं। पीडीए पंचायतों में व्यवधान न आए, इसके लिए संगठन में बदलाव को टाल दिया गया था। 

माना जा रहा है कि अब जल्द ही सपा भी अपने पत्ते खोल सकती है। बरेली में महानगर अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी पांच साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। कई विवादों के बीच जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप भी तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। चर्चा है कि दोनों ही पदों पर नए चेहरों की घोषणा हो सकती है।

कांग्रेस के संगठन में भी बदलाव की प्रक्रिया चालू है। जिलाध्यक्ष पद के लिए 11 और महानगर अध्यक्ष पद के लिए 12 नामों का पैनल पार्टी नेतृत्व को जनवरी के पहले सप्ताह में भेजा गया था। कार्यकर्ताओं को अब नेतृत्व के निर्णय का इंतजार है। 

पार्टी नेताओं का कहना है कि प्रदेश कार्यकारिणी की ओर से पैनल में शामिल कार्यकर्ताओं का इंटरव्यू भी हो चुका है। यहां से फरवरी में केंद्रीय नेतृत्व को पैनल भेज दिया गया था। अब वहीं से नाम की घोषणा होनी है।