भाजपा में चार सितंबर से शुरू हुई बगावत नहीं ले रही थमने का नाम।

विधानसभा चुनाव के टिकट के लिए भाजपा में चार सितंबर से शुरू हुई बगावत थमने का नाम नहीं ले रही। तीसरे दिन भी पदाधिकारियों का इस्तीफा देने का सिलसिला और विरोध जारी रहा। शुक्रवार को पार्टी के 72 नेताओं और सदस्यों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उधर, भाजपा ने अलग-अलग स्तर पर रूठों को मनाना शुरू कर दिया है।

पूर्व मंत्री कर्णदेव कांबोज को दिल्ली बुलाया गया है। सावित्री जिंदल भी दिल्ली पहुंच गई हैं। वह भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर सकती हैं। उनके शनिवार देर रात या रविवार को हिसार वापस आने की संभावना है। सावित्री जिंदल के समर्थक अब उनके अगले आदेश का इंतजार कर रहे हैं।

उधर, सीएम नायब सिंह सैनी ने रोहतक स्थित प्रदेश कार्यालय में बैठक के बाद साफ कर दिया कि टिकट किसी की भी बदली नहीं जाएगी। दूसरी ओर, कांग्रेस में प्रत्याशियों की सूची आने के पहले ही दिन विरोध के स्वर उठने लगे हैं। हिसार से दिल्ली पहुंचे कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस मुख्यालय पर हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया की गाड़ी के सामने नारेबाजी की।

उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नाम सौंपे पत्र में कहा कि पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला और नरेश सेलवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। इनको टिकट न दिया जाए। वहीं, बहादुरगढ़ में कांग्रेस नेता राजेश जून ने 11 सितंबर को नामांकन करने का एलान करते हुए कहा कि पार्टी टिकट देती है तो ठीक वरना निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।

इसके बाद टिकट को लेकर मिलने आए नेताओं से एक-एक कर मुलाकात की। समझाया कि कमल का फूल एक ही है। मिलकर चुनाव में काम करें। मिलने वालों में सफीदों से कर्मबीर सैनी, रेवाड़ी से रणधीर कापड़ीवास, बावल से कृष्ण वाल्मीकि, रोहतक शहर से पूर्व मेयर मनमोहन गोयल, पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर राजकमल सहगल, रमेश भाटिया, गोहाना से उमेश शर्मा व दूसरे नेता भी शामिल रहे। हालांकि, पार्टी ने रोहतक शहर से टिकट अभी घोषित नहीं किया है।