भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव दिया। इस दौरान उन्होंने विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। अनुराग ठाकुर ने अपने भाषण के दौरान सनातन धर्म पर उंगली उठाने वालों पर भी जमकर निशाना साधा है।
सनातन धर्म को लेकर अनुराग ठाकुर का जवाब
उन्होंने जब अपने भाषण में विकास के साथ विरासत जैसे मुद्दों की बात करनी शुरू की तो कुछ सांसदों ने इस पर आपत्ति जताई। जिसके बाद अनुराग ठाकुर ने कहा कि विपक्ष के कई नेताओं ने कहा है कि सनातन धर्म एक बीमारी की तरह है और इसको जड़ से मिटाना जरूरी है। ऐसे नेताओं को शर्म आनी चाहिए और माफी मांगनी चाहिए।
सनातन धर्म को नीचा दिखाने की कोशिश करने वालों पर हमला करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा, “मुगल आए आकर चले गए, अंग्रेज भी आए, आकर चले गए सनातन धर्म था, सनातन है और सनातन रहेगा।”
अनुराग ठाकुर का राहुल गांधी पर हमला
अनुराग ठाकुर ने अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी पर भी नेता विपक्ष बनने को लेकर तंज कसा और कहा कि उन्हें इस पद की जिम्मेदारी भी समझनी चाहिए। वह तो अब भी सदन में नहीं हैं। अनुराग ठाकुर ने कहा, “यह अच्छी बात है कि राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष बने हैं। यह इसलिए भी अहम है क्योंकि वह बीते दो दशकों से बिना जिम्मेदारी के सत्ता का मजा ले रहे थे। अब उन्हें जिम्मेदारी भी लेनी पड़ेगी। यह उनके लिए परीक्षा है। क्या वह विपक्ष को एकजुट रख पाएंगे। पिछले सत्र में उनकी 50 पर्सेंट से भी कम हाजिरी थी। अरे, वह तो आज भी नहीं हैं।”
राहुल गांधी सदन में कितना रहते हैं?’
उन्होंने कहा कि अब देखते हैं कि राहुल गांधी सदन में कितना रहते हैं। क्या उन्हें पता है कि सवाल पूछने के लिए सदन में दिन-दिन भर रहना होता है, जैसे प्रधानमंत्री मौजूद रहते हैं। भाजपा सांसद ने अपने भाषण में मोदी सरकार के कामकाज का भी जिक्र किया। ठाकुर ने कहा कि भारत की एक समय नाजुक अर्थव्यवस्था थी। लेकिन पिछले 10 वर्षों में देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है।
ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के शासन के दौरान आर्थिक विफलता, क्रोनी पूंजीवाद और घोटाले हुए, जबकि पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है। अनुराग ठाकुर ने कहा, “आप देखिए कि 2014 में जब पीएम नरेंद्र मोदी सांसद बने और पहली बार संसद आए तो सीढ़ियों पर सिर झुकाया। उन्होंने इस महान लोकतंत्र को नमन किया, तब अंदर आए। उसके बाद उन्होंने बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान पर शीश झुकाया और सबका साथ, सबका विकास पर फोकस किया।”