बता दें कि भारत आ रहे इजरायली व्यापारिक जहाज एमवी केम प्लूटो पर अरब सागर में भारतीय तट के पास ड्रोन से हमला किया गया। इससे लाइबेरिया के झंडे लगे इस जहाज के एक हिस्से में आग लग गई।
साथ ही इस बीच पेंटागन ने बड़ा दावा किया है। पेंटागन का कहना है कि ईरानी ड्रोन हमले ने भारत के पास रासायनिक टैंकर को निशाना बनाया था।
जानकारी के अनुसार अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा कि ये ड्रोन ईरान से लॉन्च किया गया था, जिसने हिंद महासागर में एक रासायनिक टैंकर को निशाना बनाया था। पेंटागन के एक प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी रायटर को बताया कि गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में वेरावल से 200 समुद्री मील (लगभग 370 किमी) दूर दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में इजरायली जहाज पर ईरान से आए ड्रोन से हमला किया गया था, जिसके कारण आग लग गई।
वाणिज्यिक शिपिंग पर सातवां ईरानी हमला था
पेंटागन ने बयान में कहा कि यह 2021 के बाद से वाणिज्यिक शिपिंग पर सातवां ईरानी हमला था। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र में ईरानी प्रतिनिधिमंडल के एक प्रवक्ता ने इसे लेकर कोई बयान नहीं दिया है।
इजरायली जहाज में ड्रोन हमले के कारण लगी आग
यह घटना इजरायल-हमास युद्ध के बीच ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा लाल सागर में जहाजों पर हमले तेज करने के दौरान सामने आई है। ब्रिटिश सेना के यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड आपरेशंस (यूकेएमटीओ) के मुताबिक, गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में वेरावल से 200 समुद्री मील (लगभग 370 किमी) दूर दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में इस इजरायली जहाज में ड्रोन के हमले के कारण आग लग गई।
इजरायली व्यापारिक जहाज में कच्चा तेल है और यह सऊदी अरब के एक बंदरगाह से मंगलुरु की ओर आ रहा था। भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने कहा कि हमले की सूचना मिलते ही क्षेत्र में भेजे गए एक समुद्री गश्ती विमान ने व्यापारिक जहाज के ऊपर उड़ान भरी और उसके साथ संपर्क स्थापित किया।