‘भारत से बात करा दें, POK-आतंकवाद सारे मसले सुलझाएंगे’, किस देश के सामने गिड़गिड़ाए शहबाज शरीफ

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संकेत दिए हैं कि उनका देश भारत के साथ आतंकवाद, पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (POJK), सिंधु जल संधि और व्यापार जैसे जटिल मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार है। पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, शरीफ ने हाल ही में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से फोन पर बातचीत में यह बात कही।

शरीफ ने क्राउन प्रिंस को बताया कि पाकिस्तान भारत के साथ सभी लंबित मुद्दों को सुलझाने की इच्छा रखता है, और इसके लिए वह बातचीत का रास्ता अपनाना चाहता है। उन्होंने विशेष रूप से पीओके, आतंकवाद, सिंधु जल संधि और व्यापार को वार्ता के प्रमुख बिंदु बताया।

भारत का कड़ा रुख

22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के प्रति सख्त रुख अपनाया है। हमले के बाद भारत ने कई कड़े कदम उठाए, जिनमें पाकिस्तान नागरिकों की वापसी, अटारी-वाघा बॉर्डर का आंशिक बंद, सार्क वीजा सुविधा की समाप्ति, पाक उच्चायोग में स्टाफ की कटौती और सबसे महत्वपूर्ण – सिंधु जल संधि को निलंबित करना शामिल था।

भारत की ओर से स्पष्ट किया गया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद और पीओके जैसे मुद्दों को लेकर ठोस कदम नहीं उठाता, तब तक अन्य मामलों पर कोई भी बातचीत संभव नहीं है।

अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की कोशिशें नाकाम

पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) की बैठक में भी उठाया, जिसमें 57 मुस्लिम देशों ने भाग लिया। इसके अलावा, पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व में विभिन्न देशों में भेजे गए प्रतिनिधिमंडल ने भी पानी के मुद्दे को वैश्विक मंचों पर उठाने की कोशिश की। हालांकि, किसी भी देश ने इस पर खास रुचि नहीं दिखाई और पाकिस्तान की रणनीति विफल रही।

सिंधु जल संधि की पृष्ठभूमि

भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर हुए थे। इसके तहत भारत को रावी, ब्यास और सतलुज नदियों पर अधिकार है, जबकि पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का पानी मिलता है। इस समझौते के तहत पाकिस्तान को कुल पानी का 80 फीसदी और भारत को 20 फीसदी पानी मिलता है, जिससे पाकिस्तान की इस पर भारी निर्भरता है।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ा तनाव

22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले में निर्दोष लोगों की जान जाने के बाद भारत ने 6-7 मई की रात को “ऑपरेशन सिंदूर” शुरू किया। इस दौरान पाकिस्तान के अंदर मौजूद आतंकी संगठनों – लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन – के नौ ठिकानों को तबाह कर दिया गया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की नाकाम कोशिश की, जिसके जवाब में भारत की ओर से एक और निर्णायक कार्रवाई की गई। भारत की कार्रवाई में पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस समेत कई अहम ठिकानों को नुकसान पहुंचा।

निष्कर्ष

भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में बढ़ते तनाव के बीच प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की यह पहल महत्वपूर्ण मानी जा रही है, हालांकि भारत के रुख को देखते हुए निकट भविष्य में वार्ता की संभावना फिलहाल दूर की बात लगती है। भारत बार-बार स्पष्ट कर चुका है कि आतंकवाद और पीओके पर ठोस कार्रवाई के बिना किसी भी मुद्दे पर बात नहीं हो सकती।