उत्तरी-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल गुलमर्ग में स्थित ऐतिहासिक शिव मंदिर का पुनर्निर्माण होगा। इस मंदिर में पांच जून को तड़के शॉर्ट सर्किट से भीषण आग लग गई थी। इसमें यह मंदिर पूरी तरह जल गया था। अब जम्मू-कश्मीर धर्मार्थ ट्रस्ट इस मंदिर की मरम्मत कर इसका प्राचीन गौरव वापस लाएगा।
धमार्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर आरएस लंगेह ने कहा कि आग लगने से क्षतिग्रस्त हुए गुलमर्ग के प्राचीन शिव मंदिर को उसके मूल प्राचीन गौरव को वापस लाने के लिए धर्मार्थ ट्रस्ट प्रतिबद्ध है।
मंदिर के पुनर्निर्माण में सहयोग के लिए अध्यक्ष ट्रस्टी, नागरिक प्रशासन, गुलमर्ग विकास प्राधिकरण के सीईओ, भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से अमूल्य सहायता प्रदान की जा रही है।
मंदिर को पहुंचा काफी नुकसान
उन्होंने कहा कि जिस तरह सभी का सहयोग बना हुआ है, इस प्रतिष्ठित धार्मिक एवं सांस्कृतिक मंदिर की बहाली जल्द संभव हो सकेगी। शिव मंदिर में बिजली के शार्ट सर्किट से लगी आग में इसे काफी नुकसान पहुंचा था।
पुलिस ने प्राथमिक जांच में सामने आया था कि मंदिर में लकड़ी का उपयोग अधिक हुआ था, इसलिए आग तेजी से फैली। जब तक घटना की जानकारी मंदिर के पुजारी को लगी, तब तक यह पूरी तरह से आग की चपेट में आ गया था।
109 साल है पुराना मंदिर
बता दें कि 109 वर्ष पुराना यह मंदिर जम्मू-कश्मीर के अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह की पत्नी मोहिनी बाई सिसोदिया ने वर्ष 1915 में बनवाया था। इसलिए मंदिर को मोहिनेश्वर शिवालय और रानी मंदिर भी पुकारा जाता है।
हालांकि, उस समय हरि सिंह के चाचा महाराजा प्रताप सिंह डोगरा साम्राज्य के शासक थे। अब यह मंदिर जम्मू-कश्मीर धर्मार्थ ट्रस्ट के अधीन है। ट्रस्ट मंदिर का जल्द पुनर्निर्माण करवाने जा रहा है।