भूटान को 1500 करोड़ की आर्थिक सहायता देने पर विचार करेगा भारत

पिछले सप्ताह विदेश सचिव का कार्यभार संभालने के कुछ दिनों के भीतर अपनी पहली विदेश यात्रा पर पहुंचे विक्रम मिसरी ने अपने भूटानी समकक्ष ओम पेमा चोडेन के साथ भारत-भूटान विकास साझेदारी के कई क्षेत्रों में कार्यान्वयन के तौर-तरीकों और सहयोग की समीक्षा की। नई दिल्ली और थिम्पू की तरफ से जारी संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि द्विपक्षीय सहयोग के अंतर्गत विकास साझेदारी, ऊर्जा, व्यापार और निवेश, संपर्क और व्यापार अवसंरचना, प्रौद्योगिकी, लोगों के बीच आपसी संबंध, साथ ही पारस्परिक महत्व के अन्य क्षेत्रीय मुद्दे शामिल हैं। वहीं विज्ञप्ति में कहा गया है, शाही सरकार ने भारत सरकार को आर्थिक प्रोत्साहन कार्यक्रम (ईएसपी) के तहत प्रस्तावित गतिविधियों की जानकारी दी। भारतीय पक्ष ने प्रस्तावों के कार्यान्वयन की प्रगति के अधीन पहले डेढ़ साल में ईएसपी की पूरी राशि 15 बिलियन नु यानी 1,500 करोड़ रुपये देने पर सकारात्मक रूप से विचार करने पर सहमति व्यक्त की। विक्रम मिस्री अपने समकक्ष ओम पेमा चोडेन के निमंत्रण पर दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर भूटान आए है। जहां उन्होंने भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात की, इस कड़ी में शुक्रवार को प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे और विदेश मामलों और बाहरी व्यापार मंत्री डी एन धुंग्याल से मुलाकात की। जबकि आज शनिवार को, मिसरी और चोडेन ने 13वीं पंचवर्षीय योजना के तीसरे भारत-भूटान विकास सहयोग वार्ता की सह-अध्यक्षता की – जिसे आमतौर पर ‘योजना वार्ता’ कहा जाता है – जो विकास सहयोग और आपसी हितों पर केंद्रित है।

थिम्पू में भारतीय दूतावास ने एक्स पर पोस्ट किया, विदेश सचिव विक्रम मिसरी और विदेश सचिव ओम पेमा चोडेन ने 13वीं पंचवर्षीय योजना के तीसरे विकास सहयोग वार्ता की सह-अध्यक्षता की। इसमें कहा गया, 13वीं पंचवर्षीय योजना अवधि के तहत विकास साझेदारी के विविध क्षेत्रों में कार्यान्वयन के तौर-तरीकों और सहयोग की समीक्षा की गई। दोनों पक्षों ने 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत कार्यान्वित की गई भूटान-भारत विकास परियोजनाओं की बड़ी संख्या पर संतोष व्यक्त किया और दोनों विदेश सचिवों ने भूटान में 19 स्कूलों का वर्चुअल उद्घाटन किया, जिनका निर्माण 12वीं पंचवर्षीय योजना अवधि के दौरान किया गया था। विज्ञप्ति में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने भूटान नरेश के दृष्टिकोण तथा सरकार और भूटान के लोगों की प्राथमिकताओं के अनुरूप क्षमता निर्माण, औद्योगिक पार्क, खेल, युवा आदान-प्रदान, डिजिटल अर्थव्यवस्था, ई-मोबिलिटी और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से जुड़ी परियोजनाओं को भी मंजूरी दी। इससे पहले, इस साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूटान की राजकीय यात्रा के दौरान उन्होंने भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना अवधि के लिए भारत सरकार की ओर से 100 बिलियन नु यानी 10,000 करोड़ रुपये के विकास समर्थन की घोषणा की थी।