मणिपुर में विरोध प्रदर्शन जारी, दो पुलिसकर्मी घायल

मणिपुर में अरामबाई तेंगगोल नेता की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन जारी है। मंगलवार को पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया और इंफाल घाटी के कई जिलों में सुरक्षा बलों के साथ झड़प की। वे गिरफ्तार अरमबाई तेंगगोल नेता कानन सिंह और चार अन्य की बिना शर्त रिहाई की मांग कर रहे हैं। हमलों में दो पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

पुलिस ने कहा कि सोमवार रात को इंफाल पूर्वी जिले के खुरई लामलोंग इलाके में झड़पें हुईं। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए कई राउंड आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां चलानी पड़ीं। प्रदर्शनकारियों ने एक चार पहिया वाहन को आग के हवाले कर दिया।

सोमवार शाम को इंफाल पश्चिम जिले के तेरा इलाके में भी अज्ञात बदमाशों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की। तेरा इलाके में जब सीआरपीएफ के जवान प्रदर्शनकारियों के अवरोधकों को हटा रहे थे, तब छोटे हथियारों से कम से कम सात राउंड गोलियां चलाई गईं। बिष्णुपुर जिले के नाम्बोल में प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प के दौरान कम से कम दो पुलिस कर्मियों को मामूली चोटें आईं। मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। मंगलवार की सुबह इंफाल की सड़कों पर सामान्य व्यापारिक गतिविधियां देखी गईं। सिक्किम भूस्खलन में दो और शव बरामदउत्तरी सिक्किम के चतेन में भूस्खलन स्थल से मंगलवार को दो और शव बरामद किए गए। पुलिस अधीक्षक (एसपी) सोनम देचू भूटिया ने कहा कि एक जून को भूस्खलन स्थल से दो और शव बरामद किए गए हैं। शवों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। भूटिया ने बताया कि दो शवों की बरामदगी के बाद चेतन में सेना शिविर पर भूस्खलन में लापता छह लोगों में से तीन को बरामद कर लिया गया है। बचावकर्मियों ने सोमवार को सेना के जवान सैनुद्दीन पीके का शव बरामद किया था। लापता लोगों के अलावा भूस्खलन में तीन सैन्यकर्मियों की मौत हो गई तथा चार अन्य घायल हो गए।

कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए नाथुला-लिपुलेख दर्रा अस्थायी इमिग्रेशन चेकपोस्टकेंद्र सरकार ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए सिक्किम के नाथु ला और उत्तराखंड के लिपुलेख ला (गुंजी) को अस्थायी इमिग्रेशन चेकपोस्ट के रूप में नामित किया है। गृह मंत्रालय ने सोमवार को अधिसूचना जारी कर बताया कि पूर्वी सिक्किम के नाथु ला और पिथौरागढ़ जिले के लिपुलेख ला को यात्रियों के लिए भारत में प्रवेश और निकास के लिए वैध यात्रा दस्तावेजों के साथ अस्थायी चेकपोस्ट बनाया गया है। विदेश मंत्रालय हर साल जून से सितंबर के बीच लिपुलेख दर्रा और नाथु ला दर्रा मार्गों से इस यात्रा का आयोजन करता है।कोविड-19 महामारी के कारण 2020 में यात्रा स्थगित कर दी गई थी और बाद में भारत-चीन सैन्य गतिरोध के चलते यह रुकी रही। इस साल यह यात्रा महामारी के बाद पहली बार आयोजित होगी। कैलाश मानसरोवर यात्रा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है, जो हिंदुओं के लिए भगवान शिव का निवास, साथ ही जैन और बौद्ध समुदायों के लिए भी पवित्र स्थल है। यह यात्रा वैध भारतीय पासपोर्ट धारक नागरिकों के लिए खुली है, जो धार्मिक उद्देश्यों से यात्रा करना चाहते हैं। हर साल सैकड़ों लोग इस यात्रा में शामिल होते हैं।गृह मंत्री अमित शाह से मिले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। शाह के कार्यालय ने सोशल मीडिया पोस्ट में मुलाकात की जानकारी दी। वहीं आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पोस्ट में इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया और उन्हें वक्त देने के लिए गृहमंत्री शाह का आभार जताया।

सीबीआई ने घूसखोरी में यूपी सीजीएसटी के अधीक्षक समेत दो को गिरफ्तार कियाकेंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उत्तर प्रदेश में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) के अधीक्षक समेत दो लोगों को एक निजी कंपनी पर लगा जुर्माना माफ करने के लिए कथित तौर पर एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि सीबीआई ने जिस दूसरे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है वह एक वकील है जो मामले में शिकायतकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहा था। अधिकारियों ने बताया कि सीजीएसटी अधीक्षक निशान सिंह मल्ली ने कथित तौर पर एक निजी कंपनी को संचालित करने वाले व्यवसायी को जीएसटी रिटर्न दाखिल न करने के कारण जुर्माना नोटिस जारी किया था।सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा कि अमरोहा के अतिरिक्त प्रभार के साथ गजरौला में तैनात मल्ली ने टैक्स वकील अमित खंडेलवाल के साथ मिलीभगत कर व्यवसायी से उसकी कंपनी पर जुर्माना माफ करने के लिए 4 लाख रुपये की मांग की। व्यवसायी का प्रतिनिधित्व करने वाले खंडेलवाल मल्ली से मिलीभगत कर शिकायतकर्ता घूस देने के लिए दबाव बना रहा था। व्यवसायी ने सीबीआई से इसकी शिकायत की, जिसके बाद एजेंसी ने जाल बिछाकर दोनों को एक लाख रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा।असम के धुबरी शहर में सांप्रदायिक तनाव के बाद निषेधाज्ञा लागू असम के धुबरी शहर में सांप्रदायिक तनाव के बाद सोमवार को निषेधाज्ञा लागू कर दी गई।

यहां मंदिर के पास कथित तौर पर मांस फेंके जाने के विरोध में उग्र प्रदर्शन हुआ। एक अधिकारी ने बताया कि रविवार को एक मंदिर के पास संदिग्ध गाय का सिर मिला था। फिर इसका विरोध करते हुए भीड़ ने धुबरी मजिस्ट्रेट कॉलोनी और न्यू मार्केट के पास सब्जी विक्रेताओं और ई-रिक्शा चालकों पर हमला किया।बाद में यह प्रदर्शन भड़क गया और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। विरोध प्रदर्शन के चलते जिला मजिस्ट्रेट दिवाकर नाथ ने बीएनएसएस की धारा 163 के तहत आदेश जारी करते हुए निषेधाज्ञा लागू कर दी। उन्होंने आदेश देते हुए कहा कि प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू होंगे और अगले आदेश तक लागू रहेंगे। उन्होंने धुबरी नगर क्षेत्र में सभी दुकानें और बाजार बंद रखने का आदेश दिया तथा किसी भी सार्वजनिक स्थान पर पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया। उनके द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि किसी भी प्रकार की रैली, जुलूस, बैठक या प्रदर्शन आयोजित करने पर भी सख्त प्रतिबंध लगाया गया है। हालांकि इस दौरान आपातकालीन सेवाओं की आवाजाही को प्रतिबंधों के दायरे से छूट दी गई है।