मणिपुर में 3 मई से शुरू हुई जातीय हिंसा में तीन लोगों की मौके पर मौत हो गई है, और कम से कम 50 लोग घायल हो गए हैं। हिंसा की मुख्य वजह मैतेई और कुकी समुदाय के बीच जारी संघर्ष का माना जा रहा है, जबकि सुरक्षा बलों के बीच भी संघर्ष की आशंका है।
मणिपुर पुलिस ने असम राइफल्स पर चुराचांदपुर से बिष्णुपुर में उनकी ओर से चलाए जा रहे शांति अभियान में बाधा डालने का आरोप लगाया है। इसके अलावा, मणिपुर पुलिस ने 9वीं असम राइफल्स के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है, जिसमें उन पर 5 अगस्त को सड़क को अवरुद्ध करने और एक पुलिस दल को उनकी ड्यूटी करने से रोकने का आरोप है।
इस घटना के बाद, सेना की ओर से इस मामले में ट्विटर पर प्रतिक्रिया दी गई है, जिसमें कहा गया है कि कुछ अराजक तत्व केंद्रीय सुरक्षा बल की भूमिका और इरादे पर हमला कर रहे हैं और उनके प्रयासों को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
मणिपुर में जातीय हिंसा तब भड़क गई थी जब उच्च न्यायालय ने राज्य में प्रमुख जातीय समूह मैतेई को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने का निर्देश दिया था। इसके बाद से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक झड़प शुरू हो गई, जिससे महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न और पुलिस शस्त्रागार में लूटपाट जैसी घटनाएं बढ़ गईं।
ये भी पढ़ें राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव के बड़े आलोचक: सचिन पायलट का कांग्रेस पर हमला