महबूबा मुफ्ती ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर केंद्र पर जमकर बोला हमला, फिर अलापा पाकिस्तान से बातचीत का राग

राज्य ब्यूरो, जम्मू। पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को केंद्र सरकार और भाजपा पर जम्मू-कश्मीर को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के समय शांति और विकास के जो दावे किए थे, वह सब छलावा साबित हुए हैं। पांच अगस्त को पूरे प्रदेश में 370 के निरस्तीकरण की वर्षगांठ मनाई जा रही है।
जम्मू दौरे पर पहुंची महबूबा ने पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर ही नहीं बल्कि ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर भी केंद्र सरकार को जमकर लताड़ा। उन्होंने कहा कि केंद्र ने ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण कर दिया है। सिंधु जलसंधि को रद नहीं संशोधित किया जाना चाहिए ताकि हमें हमारे हिस्से का पूरा पानी मिले।

जब विशेष दर्जा हटाया था तो कहा था इससे शांति और समृद्धि आएगी, लेकिन यह नीति विफल रही है। अनुच्छेद 370 को हटाने से न तो निवेश आया और न ही राजनीतिक स्थिरता। भाजपा की आक्रामक नीति ने देश को आंतरिक और बाहरी दोनों मोर्चों पर उलझा दिया है।

ऑपरेशन सिंदूर की बात होती है तो अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के इस दावे पर कोई सवाल नहीं करने दिया जाता कि उन्होंने कहा कि युद्ध अमेरिका ने रुकवाया है। अगर सवाल करता है तो केंद्र उसे देश विरोधी करार देती है।

उन्होंने कहा कि हमें अटल बिहारी वाजपेयी के मिशन से सीख लेनी चाहिए। उनके दौर में दोनों देशों में व्यापार और आम लोगों की आवाजाही की बहाली हुई। सिंधु जलसंधि से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि हम भी इसकी समीक्षा की मांग करते हैं।

पीडीपी अध्यक्ष बोलीं, कानून नजर नहीं आता
मालेगांव प्रकरण पर उन्होंने कहा कि यह अफसोसनाक है कि सभी आरोपितों को अदालत ने छोड़ दिया है। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर गोडसे को अपना गुरु मानती है, जिसने महात्मा की हत्या की थी। इस वक्त आंबेडकर की जगह गोडसे का संविधान चल रहा है।

ये लोग आंबेडकर के संविधान को खत्म कर रहे हैं और गोडसे का कानून चल रहा है। दुर्भाग्य से भाजपा जिस तरह से जश्न मना रही है, ऐसे में आप क्या कह सकते हैं। यहां कानून का राज नजर नहीं आता है।

फिर पाकिस्तान से बातचीत का राग अलापा
पाकिस्तान के साथ बातचीत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि बातचीत ही सभी विवादों को हल करने का सही तरीका है। भारत-पाकिस्तान के बीच पहले भी कई बार जंग हो चुकी है।
चीन ने हमारे सैनिकों पर हमला किया, कई बलिदानी हुए, लेकिन भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि हमें चीन से बात करनी होगी। पाकिस्तान से बातचीत करने से हम क्यों बचते हैं। यह समझना जरूरी है। पाकिस्तान के साथ किसी बातचीत से पहले कश्मीर के लोगों से बातचीत करनी होगी।