पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए इस बात की घोषणा की है कि नई मांओं और गर्भवती महिलाओं को अस्थायी जमानत या प्रसव के बाद एक साल तक की सजा सुरक्षित रखी जाएगी, भले ही उनके खिलाफ कोई गंभीर अपराध न हो। अदालत ने इस फैसले को सुनाया है जब एक हत्या के आरोपी महिला को 6 महीने की अंतरिम जमानत दी गई, और इसने 10 अप्रैल को एक बच्चे को जन्म दिया था। न्यायाधीश ने कहा है कि जेल के माहौल में गर्भवती महिलाएं और नवजात माताएं मानसिक तनाव का शिकार होती हैं। उन्होंने कहा है कि एक जच्चे को जमानत न देना न केवल नवजात मांओं के साथ अन्याय होगा, बल्कि नवजात बच्चे के साथ भी अन्याय होगा।
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