पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हिमाचल प्रदेश के लिए बीबीएमबी (बीसी-बीमास्तक निगम) का पानी देने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया है, जिसमें हिमाचल प्रदेश से सिंचाई योजनाओं के लिए पानी लेने की शर्तों को माफ करने का निर्देश जारी किया गया है। भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि इस फैसले के लिए केंद्र सरकार की ओर से बीबीएमबी के अध्यक्ष को निर्देश दिया गया है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।
भगवंत मान ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश को विद्युत सप्लाई के लिए भी सर्वोच्च न्यायालय ने 7.19 प्रतिशत हिस्सा दिया है। उन्होंने इस बात को भी दर्शाया है कि ऊर्जा मंत्रालय ने पत्र लिखकर पहचाने जाने वाले तरीके से पानी के बंटवारे का संकेत दिया है। हालांकि, हिमाचल प्रदेश को इस पानी पर कोई दावा करने का हक नहीं है। भगवंत मान ने कहा है कि यह विषय जल संविधान की राज्य सूची-द्वितीय के तहत आता है, और इसे राज्यों को विचार करने का अधिकार है।
भगवंत मान ने कहा है कि केंद्र सरकार ने सिंचाई योजनाओं को शामिल करते हुए तत्काल निर्देश दिए हैं, लेकिन वर्तमान में नदियों में पानी कम हो रहा है और सभी राज्यों में पानी की मांग हो रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से कहा है कि इस एकतरफा फैसले को दोबारा विचार करने की जरूरत है, जिसे पंजाब के साथ अनुचित, निराधार और अन्यायपूर्ण बताया गया है।
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