मुख्यमंत्री योगी ने कांवड़ यात्रियों के लिए बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पूरे यूपी में कांवड़ मार्गों पर खाने-पीने की दुकानों पर संचालकों-मालिकों का नाम और पहचान बतानी होगी। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। इसके अलावा हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई होगी। उधर, इस फैसले का अखिलेश यादव और मायावती ने कड़ा विरोध किया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सामाजिक सद्भाव की दुश्मन है। समाज का भाईचारा बिगाड़ने का कोई न कोई बहाना ढूंढ़ती रहती है। भाजपा की इन्हीं विभाजनकारी नीतियों के चलते प्रदेश का सामाजिक वातावरण प्रदूषित हो रहा है। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा को लेकर मुजफ्फरनगर पुलिस ने नया फरमान जारी किया है कि ठेले-ढाबे सहित सभी दुकानदार अपना नाम बाहर जरूर लिखें। इसके पीछे सरकार की मंशा अल्पसंख्यक वर्ग को समाज से अलग बांटने और उन्हें शक के दायरे में लाने की है। जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा। अखिलेश ने कहा कि भाजपा की नीति और नीयत दोनों विभाजनकारी हैं, जिसे जनता समझ चुकी है। उन्होंने मांग की कि न्यायालय स्वतः संज्ञान ले और प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जांच करवाकर उचित कार्यवाही करे।