सीएए लोगों को नागरिकता देने वाला कानून है, न कि नागरिकता छीनने वाला कानून है। हजरत बाबा ताजुद्दीन ट्रस्ट के अध्यक्ष प्यारे खान ने गुरुवार को यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि फालतू में राजनीतिक दल इस कानून के तहत मुस्लिमों को घसीटकर अपनी रोटियां सेंक रहे हैं। यह सिर्फ नागरिकता देने वाला कानून है।
समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में हजरत बाबा ताजुद्दीन ट्रस्ट के अध्यक्ष प्यारे खान ने कहा कि सीएए बहुत अच्छा कानून है, यह लोगों को नागरिकता देने वाला कानून है, किसी की नागरिकता छीनने वाला कानून नहीं है। उन्होंने कहा,
संवाददाता ने जब पूछा कि क्या सीएए आने के बाद मुसलमानों की नागरिकता खतरे में आ जाएगी? इस पर प्यारे खान ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है… दबे-कुचले अल्पसंख्यक, जो दूसरे देशों में थे, लोगों के लिए यह कानून है। मुसलमानों का इससे कोई लेना-देना नहीं है और इस कानून के तहत मुसलमानों को घसीटा जा रहा है, राजनीतिक दल अपनी रोटी सेंक रहे हैं… ऐसा कुछ भी नहीं है, यह नागरिकता देने वाला कानून है, नागरिकता छीनने वाला नहीं है।