मौलाना उस्मान से संपर्क… ई-रिक्शा छोड़ पहुंचा टेरर के आंगन

आतंकी अब्दुल रहमान मूल रूप से अयोध्या के इनायत नगर कोतवाली क्षेत्र के मंजनाई गांव का रहने वाला है। उसकी मां यास्मीन ने बताया कि अब्दुल का जन्म 28 अगस्त 2005 को हुआ था। उसने मनीराम यादव इंटर कॉलेज, मंजनाई में ही 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की। वह पांचों वक्त नमाज पढ़ता था। बचपन में उसके दिल में छेद हो गया था। अहमदाबाद में उसका ऑपरेशन कराया गया था। अब्दुल अपनी तीन बहनों आसमा (15), अल्फिया (12) और अल्फिसा (6) में अकेला भाई है और सबसे बड़ा है। मां ने बताया कि वह ई-रिक्शा चलाता था। इस बीच घर पर रहकर कुछ न कुछ बनाता रहता था। लेकिन, घरवालों को कुछ नहीं बताता था। बताया गया कि करीब छह महीने पहले वह गांव से अयोध्या शहर पहुंचा। वहां अयोध्या कैंट के पुरानी सब्जी मंडी निवासी मौलाना उस्मान हजरत के संपर्क में आया।

बताया गया कि इसी बीच वह दिल्ली के रास्ते विशाखापट्टनम पहुंचा। वहां उसने जमात का दामन थामा। फिर करीब चार महीने बाद लौटा। इसी बीच वह आतंकी संगठनों के संपर्क में आ गया। मां ने बताया कि उसने एक मार्च को घर पर कहा कि वह दिल्ली में रहने वाले किसी दोस्त से मिलने जा रहा है। अब उसकी गिरफ्तारी की खबर आई है।

मां यास्मीन ने बताया कि अब्दुल के पिता अबु बकर पहले सूरत में रहते थे। अब वह गांव में ही रहकर चिकन शॉप चलाते हैं। अबु बकर के भाई जावेद, उम्मर, उस्मान और साद अभी भी सूरत में रहते हैं। बताया कि पुलिस अब्दुल के पिता अबु बकर को अपने साथ ले गई है। बैंक पासबुक सहित अन्य कुछ कागजात भी ले गई है। उन्होंने बेटे को झूठे केस में फंसाए जाने की भी बात कही।

फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त सतेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि गुजरात एसटीएफ की टीम को एक कथित आतंकी की सूचना मिली थी। टीम उसके मोबाइल की लोकेशन ट्रेस करके गुरुग्राम स्थित एसटीएफ मुख्यालय में संपर्क किया।

इसके बाद एसटीएफ गुजरात और पलवल की संयुक्त टीम फरीदाबाद के पाली क्षेत्र पहुंची। मोबाइल लोकेशन के आधार पर पैदल जा रहे एक संदिग्ध युवक को रोका। उसे पास के खाली प्लॉट में बैठाया और पूछताछ की गई। तलाशी ली तो उसके पास से दो हैंड ग्रेनेड मिले।