स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं की वार्षिक आय को बढ़ाने और उनका जीवन स्तर सुधारने की दिशा में प्रयासरत राज्य सरकार ने अगले तीन वर्षों में 18.47 लाख ग्रामीण महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी इन महिलाओं की वार्षिक आय एक लाख से अधिक पहुंचाने के महत्वाकांक्षी मिशन को अमलीजामा पहनाने की दिशा में प्रयास शुरू किए हैं।
उत्तर प्रदेश ने उठाया बीड़ा
बता दें कि प्रधानमंत्री ने पूरे देश में दो करोड़ महिलाओं की वार्षिक आय एक लाख रुपये से अधिक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया था। उत्तर प्रदेश ने इस लक्ष्य का करीब 14 प्रतिशत उठाने का बीड़ा उठाया है। 10.45 लाख स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की वार्षिक आय को एक लाख या उससे अधिक पहुंचाने के लक्ष्य को पूर्ण भी कर लिया गया है।
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने पिछले वर्ष स्वयं सहायता समूह से जुड़ी 75 लाख स्वयं सहायता समूह से जुड़ी सदस्यों का ग्रामीण विकास मंत्रालय के लखपति दीदी ऐप पर आय के स्रोतों का सर्वे का कार्य किया था।
सर्वे के क्रम में सामने आया है कि यूपी में 10.46 लाख महिलाएं लखपति महिला की श्रेणी में आती हैं। वहीं, 18.47 लाख सदस्यों की वार्षिक आय रुपये 61 हजार से एक लाख रुपये के बीच आंकी गई है।
33.15 लाख सदस्य की वार्षिक आय रुपये 25 हजार से 60 हजार रुपये के बीच पाई गई है। फिलहाल 61 हजार से एक लाख के मध्य आने वाली ग्रामीण महिलाओं को अगले तीन वर्षों में लखपति बनाने की तैयारी है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि महिलाओं की वार्षिक आय को एक लाख या उससे अधिक पहुंचाने के प्रयास शुरू किए गए हैं। हम नए सिरे से सर्वे कर उनकी आजीविका का प्लान महिलाओं की मंशा के अनुसार तैयार कर रहे हैं। फिलहाल 168 मास्टर ट्रेनर 36 हजार सामुदायिक कैडर्स को इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत प्रशिक्षित कर रहे हैं।
इन गतिविधियों के जुड़ेंगी महिलाएं
कृषि आजीविका, गैर कृषि आजीविका, टेक होम राशन प्लांट, बैंक सखी, विद्युत सखी, आजीविका सखी, बकरी पालन, मुर्गी पालन, दुग्ध विकास संबंधित बलिनी, काशी एवं सामर्थ्य महिला दुग्ध उत्पादक कंपनियां, बदायुनी महिला उत्पादक कंपनियां, महिलाओं की हस्तशिल्प कंपनियां, पंचायती राज, उद्यान विभाग, कृषि विभाग के साथ अभिसरण के माध्यम से महिलाओं को आजीविका के स्रोत उपलब्ध कराए जाएंगे।