यूपी में डेयरी सेक्टर में बड़ी पहल, किसानों की बढ़ेगी आमदनी, युवाओं को मिलेगा रोज़गार

: उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने और पशुपालन क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में राज्य सरकार और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) हुआ है, जिसके तहत राज्य की चार प्रमुख डेयरी और पशु आहार इकाइयों का संचालन अब NDDB को सौंप दिया गया है।

इस समझौते में कानपुर, गोरखपुर और कन्नौज के डेयरी प्लांट, तथा अम्बेडकर नगर की पशु आहार निर्माणशाला शामिल हैं। इस पहल से न केवल डेयरी क्षेत्र में तकनीकी दक्षता और पारदर्शिता आएगी, बल्कि किसानों को समय पर भुगतान, उचित मूल्य और स्थिर बाजार की भी गारंटी मिलेगी।


🐄 किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, “प्रदेश का दुग्ध क्षेत्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मेरुदंड बन सकता है। NDDB जैसे अनुभवी संस्थान की मदद से हम बिना अतिरिक्त सरकारी खर्च के किसानों को लाभ पहुंचाएंगे और युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराएंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि इस पहल से उत्तर प्रदेश, देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भी दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाएगा।


👩‍🌾 महिला सशक्तिकरण को मिलेगा बल

मुख्यमंत्री ने बताया कि झांसी की बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी और आगरा-गोरखपुर जैसे क्षेत्रों में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी ने डेयरी क्षेत्र में नई ऊर्जा दी है। NDDB के सहयोग से यह भागीदारी और सशक्त होगी।


🏭 NDDB को सौंपी गई इकाइयों का विवरण:

इकाईलागतक्षमता
कानपुर डेयरी प्लांट₹160.84 करोड़4 लाख लीटर/दिन
गोरखपुर डेयरी प्लांट₹61.80 करोड़1 लाख लीटर/दिन
कन्नौज डेयरी प्लांट₹88.05 करोड़1 लाख लीटर/दिन
अम्बेडकरनगर पशु आहार निर्माणशाला₹18.44 करोड़100 मीट्रिक टन/दिन

इन इकाइयों का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका था, लेकिन संचालन व बाजार से जुड़ी चुनौतियों के कारण ये शुरू नहीं हो पाई थीं। अब NDDB के अनुभव और कुशल प्रबंधन से ये इकाइयाँ पूरी क्षमता के साथ कार्य करेंगी।


क्या होंगे किसानों को लाभ?

  • दूध का समय पर भुगतान

  • उचित बाजार मूल्य की गारंटी

  • स्थानीय सहकारी समितियों की भागीदारी

  • पारदर्शिता और योजना के साथ संचालन

  • अनावश्यक खर्चों में कटौती और संसाधनों का प्रभावी उपयोग

  • राजस्व साझा मॉडल: कोई अतिरिक्त सरकारी खर्च नहीं, लेकिन लाभ किसानों और सरकार दोनों को


💼 स्थानीय रोजगार और व्यापार को मिलेगा बढ़ावा

जैसे ही इन प्लांट्स में NDDB के माध्यम से काम शुरू होगा, स्थानीय स्तर पर दूध संग्रहण, पैकेजिंग, मार्केटिंग आदि से जुड़े नए रोजगार और छोटे व्यवसायों के अवसर खुलेंगे।


🌾 ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ताकत

NDDB के साथ यह साझेदारी उत्तर प्रदेश के डेयरी क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत है। इससे न केवल पशुपालकों को सीधा लाभ मिलेगा, बल्कि यह राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और यूपी को भारत के अग्रणी दुग्ध उत्पादक राज्यों में शामिल करने की दिशा में एक दूरदर्शी और ठोस पहल मानी जा रही है।