श्रीनगर से नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के सांसद आगा रुहुल्लाह मेहदी ने बुधवार को ओम बिरला को लोकसभा के स्पीकर चुने जाने पर बधाई दी। इसके साथ ही सदन में अपने पहले भाषण में उन्होंने अनुच्छेद 370 और मुस्लिम एमपी को आतंकी कहने का मुद्दा उठाया। रुहुल्लाह की टिप्पणी से ओम बिरला रुष्ठ दिखे। उन्होंने रुहुल्लाह से पहले सदन की कार्यवाही को समझने और फिर इस तरह की टिप्पणी करने की नसीहत दी।
रुहुल्लाह ने सदन में क्या कहा
रुहुल्लाह ने ओम बिरला को बधाई देते हुए अपनी बात की शुरुआत की। साथ ही शब्दों को फेर से कटाक्ष भी किया। उन्होंने कहा, ‘आज के बाद आप (ओम बिरला) किसी पार्टी के नहीं बल्कि संविधान के रखवाले हैं। उम्मीद है आप इस जिम्मेदारी को निभाएंगे। इस सदन में आपको याद रखा जाएगा कि आपने सत्ता पक्ष को मजबूर किया विपक्ष की सुनने के लिए या विपक्ष को खामोश किया।’ आगे कहा, ‘आपको (बिरला को) याद किया जाएगा कि लोकसभा में एक मुसलमान सांसद को आतंकी कह दिया गया तो आपने (बिरला ने) इस नाजायज आवाज को खामोश किया या इन आवाजों को उठने दिया। लोकसभा में एक मुसलमान सांसद को आतंकी कहा जा सकता है तो सड़कों पर उन्हें आतंकवादी कहा ही जा सकता है।’
ओम बिरला ने दी रुहुल्लाह को नसीहत
इस पर ओम बिरला ने उन्हें कहा, ‘यह सदन का पहला दिन है। आप बोलते हुए इस बात का ध्यान रखिए कि क्या टिप्पणी कर रहे हैं। अभी कार्यकाल को देखो। उसके बाद टिप्पणी करो। ‘रुहुल्लाह ने फिर बात शुरू करते हुए कहा, ‘भारत देश में सबसे बड़ा लोकतंत्र है। 370 की बिल एक मिनट में लाया गया और आधे घंटे में उसे पास कर दिया गया।’
सदन में हंगामा
उनकी इस बातचीत के बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। इस पर ओम बिरला ने सबको शांत कराते हुए कहा, ‘इन्हें (रुहुल्लाह को) ज्ञान नहीं है इस (अनुच्छेद 370 को निरस्त करने वाला बिल पर) पर साढ़े नौ घंटे तक चर्चा हुई थी।’
दूसरी बार स्पीकर बने ओम बिरला
लोकसभा में ध्वनिमत से बिरला लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुने गए। इस दौरान पीएम मोदी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी परंपरा के अनुसार आसन तक लेकर गए। ओम बिरला ने 18वीं लोकसभा के अपने पहले संबोधन में आपातकाल को याद किया। हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित कर दी गई।