राज्य के दर्जे व संवैधानिक सुरक्षा की मांग को लेकर बुधवार को लद्दाख बंद रहा। इस दौरान लेह की एनडीएस ग्राउंड में हुई विरोध रैली में उमड़ी भीड़ ने भारत माता की जय के नारों के बीच लद्दाख में भूमि व नौकरियों के अधिकारों के सरंक्षण की मांग करते हुए केंद्र सरकार से इंसाफ की मांग की। वहीं, इन मुद्दों को लेकर पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक व उनके समर्थकों ने भी आमरण अनशन शुरू कर दिया है।
बता दें कि इससे पहले लद्दाख पिछले माह चार फरवरी को भी बंद रहा था। पहले लद्दाख के सामाजिक संगठन ही इन मुद्दों को उठा रहे थे, अब विरोधी राजनीतिक दल भी इनमें शामिल होने लगे हैं। नई दिल्ली में चार मार्च को लद्दाख के संगठनों की केंद्रीय गृह मंत्रालय से चौथे दौर की बातचीत के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें उनके मुद्दे हल करने का भरोसा दिलाया था, उन्होंने कहा था कि इस संबंध में गृह मंत्रालय की एक कमेटी कार्यवाही कर रही है, लेकिन सियासी तूल देने के लिए लद्दाख में बुधवार को बंद रखा गया।
बंद के दौरान हुई रैली में केंद्र से बातचीत के लिए बनी सब कमेटी के सदस्य छीरिंग दोरजे ने भी हिस्सा लिया। दिल्ली से लेह पहुंचे दोरजे ने कहा कि केंद्र ने हमें वह देने की कोशिश की, जो हमें नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने अच्छी तरह से केंद्र सरकार के समक्ष अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि हमने पूरी कोशिश की थी कि आचार संहिता लागू होने से पहले केंद्र फैसला कर दे।