लोकसभा चुनाव के बीच लद्दाख के कम तापमान में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। गुरुवार को अपने समर्थकों के संग लद्दाख संसदीय सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर सेरिंग नामग्याल ने लेह में नामांकन दाखिल किया। इस दौरान लद्दाख में नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और कांग्रेस के बीच दरार सामने आ गई।
इससे पहले बुधवार को नेकां अपने गढ़ वाले कारगिल क्षेत्र से हाजी हनीफा जान को चुनावी मैदान में उतारने का एलान कर चुकी है। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस की कारगिल इकाई भी उनके समर्थन में रही। लेकिन, कांग्रेस की लेह इकाई इस पर सहमत नहीं हुई। ऐसे में लेह में कांग्रेस इकाई ने सेरिंग को ही अपना उम्मीदवार बनाते हुए मैदान में उतारा। अब देखना बाकी होगा कि नेकां और कांग्रेस आलाकमान इस फैसले के बाद क्या रुख अपनाते हैंं।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख में कांग्रेस और नेकां ने एक साथ चुनाव लड़ने का एलान किया है। इस दौरान जम्मू की दो सीट और लद्दाख की एक सीट कांग्रेस के खाते में और कश्मीर की तीन सीटें नेकां के हिस्से हैं। जम्मू की दो सीट पर नेकां ने कांग्रेस को समर्थन दिया। कश्मीर की तीन सीटों पर कांग्रेस ने नेकां को समर्थन दिया है। अब लद्दाख की सीट पर कांग्रेस की तरफ से उतार जाना था, जिसे उन्होंने उतार दिया है।
लद्दाख से भाजपा के ताशी ग्यालसन ने दाखिल किया नामांकन
भाजपा प्रत्याशी ताशी ग्यालसन ने लद्दाख संसदीय सीट के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है। इस दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में कार्यकर्ताओं ने लेह में रैली कर शक्ति प्रदर्शन किया। इसमें जम्मू-कश्मीर के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
भाजपा प्रत्याशी के साथ वरिष्ठ नेताओं ने बुधवार को पार्टी कार्यालय लेह से रैली निकाली जो विभिन्न स्थानों से होते हुए डीसी कार्यालय पर संपन्न हुई। महासचिव (संगठन) अशोक कौल ने कहा कि भाजपा ने हमेशा लद्दाख के मुद्दे को फ्रंटफुट पर उठाया है। लद्दाख के लोगों के लिए पार्टी चट्टान की तरह खड़ी रही है। नेकां, कांग्रेस और पीडीपी ने इस खूबसूरत जगह के संसाधनों को लूटा है और जानबूझकर इसे जरूरी विकास से दूर रखा। आज यहां लोग विकास से संतुष्ट हैं। उन्हें कई कल्याणकारी योजनाएं मिली हैं। मोदी सरकार के निर्णायक कदमों ने यह सुनिश्चित किया है कि यह क्षेत्र सुरक्षित है और अधिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पर्याप्त धन प्राप्त हो रहा है।