लागू हुआ ऑड-ईवन फॉर्मूला क्या है, इससे पहले राजधानी में कब-कब लगाया गया?

। राजधानी दिल्ली में प्रदूषण से हालात चिंतजनक हैं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की सलाह पर दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को कम करने के लिए ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू किया है। इसके चलते अब राजधानी की सड़कों पर दौड़ने वाले वाहनों के लिए नियम बदल गए हैं। अब सड़कों पर वाहनों की संख्या कम हो जाएगी।
ऑड-ईवन इससे पहले वर्ष 2016, 2019 में लागू हो चुका है। इससे कुछ हद तक प्रदूषण को कम करने में सहायता मिलती है। दिल्ली में ऑड-ईवन नियम (Odd Even Rule) दिवाली बाद 13 नवंबर से लागू हो जाएगा, जो 20 नवंबर तक लागू रहेगा।
ऑड-ईवन नियम पहली बार वर्ष 2016 में प्रदूषण बढ़ने पर लागू किया गया था। इस नियम के तहत सड़कों पर निजी वाहन को वैकल्पिक दिन दिए जाते हैं, जिस दिन वो अपने वाहनों को सड़कों पर दौड़ा सकते हैं और वो दिन उनकी नंबर प्लेट के आखिरी अंक पर निर्भर करता है।
इस योजना के तहत अगर आपने गाड़ी के नंबर का आखिरी अंक सम (Odd Number) है तो वाहन सम तारीख (Odd Date) पर सड़कों पर चलेंगे। इसके साथ ही अंक अगर विषम है तो विषम तारीख को वाहन सड़क पर चलेंगे।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि प्रदूषण कम करने के लिए नियमित तौर पर कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिवाली के बाद दिल्ली प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है, उसको देखते हुए दिवाली के अगले दिन एक हफ्ते का ऑड-ईवेन का फार्मूला लागू किया जाएगा। यह 13 नवंबर से 20 नवंबर तक लागू रहेगा।
गोपाल राय ने कहा कि BS-III पेट्रोल वाहनों और BS-IV डीजल वाहनों पर जो प्रतिबंध लगाया गया था, वह GRAP-4 में भी जारी रहेगा। LNG, CNG और इलेक्ट्रिक ट्रकों, आवश्यक सेवाओं के वाहनों को छोड़कर अन्य ट्रकों की दिल्ली में एंट्री बैन है। इसके अलावा GRAP-3 में फ्लाईओवर, ओवरब्रिज और पावर ट्रांसमिशन पाइपलाइनों पर विध्वंस कार्य को छूट दी गई थी। हालांकि, अब उन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इससे पहले 2019 में 4-15 नवंबर तक ऑड-ईवन लागू हुआ था। उससे पहले भी एक जनवरी से 15 जनवरी 2016 तक दिल्ली में इस फॉर्मूले का इस्तेमाल हुआ। इसके बाद 15 से 30 अप्रैल के बीच भी दिल्ली में ऑड-ईवन लगाया गया था।
दिल्ली-एनसीआर में सोमवार सुबह प्रदूषण का स्तर सरकार द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से लगभग सात से आठ गुना अधिक दर्ज किया गया, क्योंकि इस क्षेत्र में लगातार सातवें दिन जहरीली धुंध बनी रही। 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI), हर दिन शाम 4 बजे दर्ज किया गया, शनिवार को 415 से बढ़कर रविवार को 454 हो गया।