दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और एलजी विनय कुमार सक्सेना के बीच की खीचातानी अक्सर सुर्खियों में रहती है। लेकन अब पंजाब के सीएम भगवंत मान और एलजी बनवारी लाल पुरोहित को लेकर भी कुछ ऐसी ही खबरे सामने आ रही हैं। और दोनो के बीच शुरू हुई इस खींचतान ने अब लेटर वॉर का रूप ले लिया है। दरअसल राज्यपाल ने अपने कई लेटर का सीएम मान से जवाब ना मिलने पर सवैधानिक कर्तव्य पूरा ना करने पर एक और लेटर लिखा है.
राज्यपाल ने अपने द्वारा लिखे गए एक पत्र में सीएम मान को यह समझाया है कि राज्यपाल और मुख्यमंत्री दोनों सवैधानिक पदाधिकारी होते हैं और दोनों के पद के लिए संविधान में तहत भूमिका और दायित्व तय किए गए हैं। उन्होंने कहा है कि पंजाब को भी अनुच्छेद 167बी के तहत राज्य के मुख्यमंत्री से प्रशासनिक मामलों व वैधानिक प्रस्तावों से संबंधित मामलों पर मुख्यमंत्री से जानकारी मांगने का हक है।
वे कहते हैं कि जब राज्यपाल को कोई जानकारी मांगी जाए, तो मुख्यमंत्री उसके आदेशों को पूरा करने के लिए बाध्य होता है, और मुख्यमंत्री का भाषण देते समय पत्र लिखना उचित नहीं होता है। राज्यपाल ने उसे यह भी याद दिलाया है कि जब उनके द्वारा जानकारी मांगी जाती है और उसे नहीं दिया जाता है, तो यह संवैधानिक कर्तव्य का अपमान है। आपके द्वारा दिया गया विवरण इस विवाद के महत्वपूर्ण पहलुओं को दर्शाता है और बताता है कि राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच तनाव का स्तर बढ़ रहा है।
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